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श्री परमहंस स्मृति महोत्सव : सप्तदिवसीय कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ,यह तपोस्थली चमत्कारों से परिपूर्ण सभी की मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण

श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर भ‌इयां में सात दिनों तक बरसेगी परमहंस महाराज की कृपा-

प्रयागराज- जिला मुख्यालय से महज 40 किमी की दूरी पर बसा भ‌इयां गाँव में स्थित श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर में विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी सप्त दिवसीय परमहंस स्मृति महोत्सव का शुभारंभ किया गया। श्री कृष्ण भगवान का विशाल मंदिर जो कि 1856 से बना हुआ है। क्षेत्रीय स्तर पर चमत्कारी स्थान के नाम से विख्यात यह स्थल क‌ई प्रकार से ग्रामीणों के लिए श्रद्धा का केन्द्र है।

निर्जला एकादशी शुक्रवार की सुबह प्रभात फेरी एवं पादुका पूजन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई । ढोल, नगाड़े, डी.जे.बैन्ड बाजा के साथ ग्रामीणों ने परमहंस गोपाल मणी जी महाराज की तपोस्थली कुटी पर जाकर माथा टेका और ग्रामीणों ने अपने घर के सामने पादुका पूजन किया। मंदिर प्रांगण में सात दिवस तक पारायण पाठ व श्रीमदभागवत कथा का आयोजन होगा।

मन्दिर के पीठाधीश्वर श्री ब्रह्मानंद जी महाराज ने बताया कि परमहंस गोपाल मणी दास जी महाराज परमयोगी थे जो कि प्रबल योगसाधक थे। जिन्होंने 302 वर्ष इस धरा पर रहकर अनेकों लीलाएं की व लोगों को धर्म के लिए जागृत किया। महाराज ने कहा कि एक महायोगी ही 302वर्ष धराधाम पर रह सकता है। वैश्विक स्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय योगदिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर भ‌इयां के महन्त श्री ब्रह्मानंद महराज जी द्बारा बताया गया कि जीवन को खुशहाल बनाने के लिए नियमित रूप से योग करना जरूरी है। छोटी -छोटी सावधानियां ब्यक्तित्व को निखारने में सहयोगी साबित होती हैं। वहीं लापरवाही से जीवन जोखिम भरा हो जाता है। इसलिए महापुरुषों के बताए हुए मार्ग का ही अनुसरण किया जाना चाहिए।

सुंदर समाज की स्थापना हेतु इस मंदिर के श्रद्धालुओं को सुन्दरसाथ कहा जाता है-

स्वास्थ्य को संयमित रखने के लिए ही विश्व स्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय योगदिवस कार्यक्रम सुनिश्चित किया गया है। यद्यपि ग्रामीणों की दिनचर्या बहुत सुन्दर तरीके से अग्रसर हो रही है जिसका जीवंत प्रमाण है कि सुबह 6 बजे से मंदिर में भगवान की आरती के साथ पूजन आरंभ होता है। सैंकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति से भक्तिमय वातावरण दिखाई देता है। आरती -पूजन के बाद सुन्दर साथ गण पारायण पाठ करने में लग जाते हैं।पारायण पाठ पर प्रकाश डालते हुए श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर के सुन्दरसाथ व सामाजिक चिंतक कमलेश प्रसाद मिश्र ने बताया कि सुन्दर समाज की स्थापना हेतु सुन्दर आचार, सुन्दर विचार, सुन्दर संस्कार, सुन्दर सरोकार, को आत्मसात करने वाले ब्यक्ति सुन्दर साथ कहलाते हैं। ऐसे में सुन्दर साथ ही पारायण पाठ करने के लिए योग्य होते हैं। नियमित रूप से पारायण पाठ का भी सप्तदिवसीय आयोजन किया गया है। शोभायात्रा में गाँव के राजेश्वरी तिवारी,राजेश मिश्र,अवधेश कुमार मिश्र,जगनायक मिश्र अध्यक्ष साधन सहकारी समिति पथरा,विजय तिवारी,अश्वनी मिश्र,कौशलेश मिश्र,आद्या प्रसाद मिश्र,राजकुमार मिश्र,तौलन प्रसाद दुबे,सुब्बालाल दुबे,अवधेश दुबे,चंदन,संजय दुबे,इन्द्रपति,राजन मिश्र,आदि के साथ हज़ारों की संख्या में आसपास सहित गांव के सुन्दरसाथ इस शोभायात्रा में सहभागी रहे।

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