
ऑपरेशन "सिंदूर" हर सनातनी का स्वाभिमान है- शंकराचार्य : शस्त्र व शास्त्र में निपुण शंकराचार्य महाराज की दो टूक-जंग के मैदान में हम सेना के साथ
Fri, May 9, 2025
भारत पाकिस्तान युद्ध India Pak War
मुख्यबिन्दु
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•भारत पाक युद्ध को लेकर सरकार के सहयोग में दिखे शंकराचार्य
•सरकार की रणनीति व सैन्य बलों के साहस की सराहना
•एन सी सी प्रशिक्षित शंकराचार्य महाराज ने कहा कि हम देश की सेना के साथ खड़े हैं
•सैन्य बलों की मंगल कामना व राष्ट्र के विजय के लिए करेंगे धार्मिक अनुष्ठान
•दो महीनों के लिए अपने निर्धारित सभी कार्यक्रमों को शंकराचार्य ने किया निरस्त
•देश हित सरोपरि है
नेशनल डेस्क
- भारत में आदिकाल से "शास्त्र व शस्त्र"दोनों का शैक्षणिक महत्व रहा है।
शास्त्र और शस्त्र" भारत की
सांस्कृतिक पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं
। "शास्त्र" ज्ञान, नैतिकता और धर्म का प्रतीक हैं,जबकि "शस्त्र" शक्ति, साहस और राष्ट्र की रक्षा का प्रतीक हैं। प्राचीन काल से ही, भारत में इन दोनों को समान रूप से महत्वपूर्ण माना गया है.
शास्त्र:
शास्त्र ज्ञान, नैतिकता और धर्म से जुड़े हैं। वे हमें सही और गलत के बीच अंतर करना सिखाते हैं और जीवन के मूल्यों को समझाते हैं.
शस्त्र:
शस्त्र शक्ति और साहस का प्रतीक हैं। वे हमें अपनी रक्षा करने और अन्याय के खिलाफ लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं.
शंकराचार्य जी महाराज शस्त्र व शास्त्र दोनों में हैं पारंगत -
हिन्दू धर्म में सबसे बड़ा आध्यात्मिक पद शंकराचार्य का है। जो लगभग ढाई हजार वर्षों के पूर्व से निर्धारित है। शंकराचार्य वह होते हैं जो ब्रह्मचारी,सन्यासी,होकर बिना किसी वेतन के सिर्फ और सिर्फ देश,समाज की आध्यात्मिक उन्नति के लिए और सनातन धर्म की प्रतिस्थापना व जागरण के लिए ही वैदिक ज्ञान का प्रसार करते हैं। करोड़ों सनातनियों के आस्था व वैदिक आधार स्तम्भ के रूप में पूजित हैं। देश में कुल चार ही शंकराचार्य होते हैं,यह परंपरा आज से नहीं बल्कि हजारों वर्ष पूर्व आदि गुरु शंकराचार्य भगवान के द्वारा निर्धारित की गई थी,तब से आज पर्यंत शोभायमान है। चारों दिशाओं में एक एक पीठ स्थापित हैं जिसे आम्नाय भी कहते हैं,उसी परंपरा अनुसार उत्तरपीठ जिसे ज्योतिषपीठ के नाम से जाना जाता है उसके वर्तमान शंकराचार्य हैं स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज। जो कि वेद शास्त्र में निपुण व सत्य के परिचायक माने जाते हैं। शास्त्र व शस्त्र में पारंगत हैं। राष्ट्र हितार्थ की भावना से ओतप्रोत संकल्प शक्ति के धनी हैं इस आधार पर पूरा देश जानता है।
माँ भारती की रक्षा के लिए आगे आये शंकराचार्य-
देश में इस वक्त आपातकालीन स्थितियां निर्मित हुई हैं। वजह है,पाकिस्तान का आतंकी हमला जो कि कश्मीर के पहलगाम में किया गया। जिसमें भारत के 28 पर्यटकों का कत्लेआम किया गया। जिसमें कई हिंदुस्तानी बहनों का सिन्दूर उजड़ गया,उनके सामने पतियों को धर्म पूँछकर मारा गया। पूरा देश इस घटना से उबाल पर है। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी श्री ने पहले ही भारत की सरकार से कहा कि अब समय आ गया है कि भारत आतंकवाद पर अटैक करे और इस कायराना हमले का मुंहतोड़ जबाब दे। अब युद्ध छिड़ चुका है।
शंकराचार्य ने शुक्रवार की सुबह यह शंखनाद किया कि दो महीने के अपने निर्धारित पूरे कार्यक्रमों को निरस्त कर वे भारतीय सेना का मनोबल बढ़ाएगे,उनके लिए यज्ञ अनुष्ठान करेंगे और माँ भारती की अखंडता व विजय के लिए प्रार्थना करेंगे।
सरकार द्वारा देश हित में उठाया गया कदम साहस का प्रतीक है-शंकराचार्य
उन्होंने यह भी कहा कि वे भारत की सरकार के साथ खड़े हैं। बहनों की मांग के उजड़े सिंदूर का बदला लेने हेतु चलाये जा रहे "ऑपरेशन सिंदूर"की सराहना करते हुए कहा कि जिन्होंने भी यह नाम दिया है,उसकी सकारात्मक सोच की तारीफ करते हैं,क्योंकि सिंदूर हमारी माताओं के सिर्फ शृंगार ही नहीं बल्कि हम भारतीयों की संकल्प शक्ति और मर्यादा की पहचान भी है। भारत के प्रधानमंत्री, गृह मंत्री व रक्षा मंत्री के साथ ही तीनों सैन्य बलों के अध्यक्षों की वीरता,अदम्य साहस व संकल्पशक्ति की सराहना की ।
शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती
ने देश की आर्मी का मनोबल बढ़ाने और उनके सलामती व विजय श्री हासिल करने के लिए कहा कि वे पूजन अनुष्ठान कर भारत के विजय की मंगल कामना करेंगे। साथ ही,आवश्यकता पड़ने पर सीमा पर जाने व सेवा करने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि हम ब्रह्मचारी,सन्यासी देश की सेना के साथ राष्ट्रहित में लड़ने को तैयार हैं उनके साथ हमेशा खड़े हैं। यदि आवश्यकता पड़ी तो सेना की सेवा भी करेंगे। ऐसा कहने वाले ये पहले धर्माचार्य होंगे ।
पढ़ाई के दौरान लिया है सैन्य प्रशिक्षण -
शंकराचार्य ने अपनी बात रखते हुए वीडियो में कहा है कि स्कूली शिक्षा के दौरान वे
एनसीसी के छात्र
के रूप में सैन्य प्रक्षिक्षण भी ले चुके हैं। एनसीसी के छात्र रहे स्वामी श्री ने कहा कि शास्त्र व शस्त्र दोनों की आवश्यकता जीवन में रहती है,जो कि उन्होंने प्राप्त की है।
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पहली बार किसी शंकराचार्य ने कही ऐसी बात-
वैसे तो शास्त्र,वेद और आध्यात्मिक ज्ञान व सम्मेलनों को लेकर अभी तक शंकराचार्य मुखर होते रहे हैं,लेकिन सीमा पर जाकर युद्ध करने व सेना के साथ देश की सेवा करने का बयान देने वाले यह पहले शंकराचार्य होंगे जिन्होंने माँ भारती की सेवा के लिए राष्ट्र धर्म को पहला नैतिक धर्म मानते हुए सभी कार्यक्रमों को निरस्त करते हुए शंखनाद किये हैं। करोड़ों सनातनियों की हुंकार के पर्याय शंकराचार्य ने इससे सभी का दिल जीत लिया है और राष्ट्रधर्म के सजग प्रहरी के रूप में सरकार के साथ खड़े दिखे हैं। इससे सनातन धर्मियों में आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ साथ राष्ट्रीय सुरक्षा की भावना भी जागृत हुई है,सेना के विजय के लिए अब मंदिरों में पूजन अनुष्ठान प्रारम्भ हो गए हैं।

शंखनाद- उड़ जाएगा पाकिस्तान : भारत ने कसी कमर पीओके सहित पाकिस्तान पर करेंगे कब्जा
Fri, May 9, 2025
नेशनल
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भारत-पाक जंग,तो मिट जाएगा नक्शे से पाकिस्तान !
जब तक नैतिकता दिखती है तब तक तो आदर भाव रखा जा सकता है और जब धोखा और कायराना हरकत कर अस्तित्व को ललकारा जाना शुरू हो जाय तब किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही किया जाता। यदि स्थिति अब भारत पाकिस्तान के बीच है।
पाकिस्तान ने शुरू से ही कायराना हरकत किया, छुटमुट हरकतों को भारत हजम करता रहा लेकिन पहलगाम में उसने हमारे 28 लोगों का धर्म पूँछकर कत्लेआम किया और चेतावनी दी कि जाकर मोदी को बता देना.अब जब मोदी को बताया गया तब तो पाकिस्तान में तबाही आ गई अब झेल नही पा रहे आतंकवाद के अब्बा।
इस लड़ाई में पाकिस्तान का मिट जाएगा नामोनिशान ?
आतंकवाद के अब्बा को जहन्नुम में पहुचाने का काम भारत की सरकार ने शुरू कर दिया है। भारत की सेना बदले की कार्यवाही करके पाकिस्तान की हालत को गमगीन बना दिया है। चारों तरफ रोना धोना ही सुनाई पड़ रहा है,चीखों चिल्लाहटों के बीच पाकिस्तान सरकार अब मजबूर दिखने लगी है।जिस आतंकवादी सरगनाओं को पनाह देकर पाकिस्तान गुर्रारा था ,वहां से वे सभी आतंकवादी अपने जान की खैर मांगने भाग खड़े हुए हैं। इस बार भारत की सैन्य सुरक्षा बल मूड में है,पाक के अंदर घुसकर मारने और उसकी जमीन पर झंडा गाड़ने का काम शुरू कर दिया है। यही वह समय है जिसमें भारत के साथ अमेरिका,रूस,ब्रिटेन जैसे शक्तिशाली देश खड़े हैं। पीएम मोदी की कारगर रणनीति पाकिस्तान का खात्मा कर उसे भारत में मिलाने का कार्य कर सकती है या फिर उसके टुकड़े किये जा सकते हैं। भारत विदेश नीति मजबूत है,सैन्य बल भी मजबूत है हौसला भी है और समर्थन भी इसलिए भारतीय सरकार को अब यह निर्णय कर युद्ध लड़ना होगा,शायद यही रणनीति भी होगी।
बीएसएफ ने किया ड्रोनों को निस्तनाबूत
जबाबी कार्यवाही में भारत ने पाकिस्तान के कई युद्ध टैंकों को उड़ा दिया है और गुरुवार की रात छोड़े गए 500 ड्रोनों में से 50 से ज्यादा निस्तनाबूत कर औरों को विफल कर दिया है। सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवानों ने बड़ी ही मुस्तैदी से दुश्मनों के हमलावर ड्रोनों को विफल कर जम्मू कश्मीर सहित राजस्थान,पंजाब के लोगों की रक्षा की।