ज्योतिष्पीठाधीश्वर की हुंकार- : संसद भवन में पहला अधिकार गो माता का

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Tue, Aug 5, 2025
मुम्बई - महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी मुम्बई के पश्चिमी बोरीबली में दो दिवसीय गो संसद का आयोजन किया गया। जिसमें देशभर की सभी लोकसभाओं से गौ सांसदों ने हिस्सा लिया। रविवार को देश भर से इकट्ठे गो सांसदों को संबोधित करते हुए ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामि श्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती ने कहा कि संसद में सबसे पहले गो माता को भ्रमण करना चाहिए,संसद में पहला अधिकार गो माता का ही है। यह कार्य देश के प्रधानमंत्री को करना चाहिए । यदि वह नही करते हैं तो हम सनातनी इकट्ठे होकर गो माता को संसद भवन में घुमाएंगे। बता दें कि इस समय ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य मुम्बई के बोरीबली स्थित कोराकेन्द्र में चातुर्मास्य कर रहे हैं। हजारों की संख्या में सनातनी प्रतिदिन पूजन,अनुष्ठान व वेदांत व्याख्यान का लाभ ले रहे हैं।
यह भी बता दें कि यह अब तक कि चौथी गो संसद है जिसका गठन पूज्य शंकराचार्य जी ने संपूर्ण भारत में गो रक्षा हेतु किया है। इससे पहले दिल्ली व प्रयागराज में गो संसद का आयोजन किया जा चुका है। संपूर्ण राष्ट्र में 4123 विधानसभाओं में गो विधायकों की नियुक्ति के साथ ही वेदलक्षणा रामा गौ धाम की स्थापना का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हुआ।
इस संसद में ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा,यदि गो हत्या बन्द नही हुई तो मैं स्वयं हाथ में तलवार लेकर गौ सेना का नेतृत्व करते हुए कत्लखानों में धावा बोलूंगा।
गौ संसद में निम्नांकित प्रस्ताव भी सर्व सम्मति से पारित हुए-
१) भारत के प्रधानमंत्री से ये कहा गया कि नई बनी संसद में गोमाता को प्रवेश किया जाए, गोसंसद ने ये प्रस्ताव पारित किया है।
२) महाराष्ट्र की निवर्तमान शिंदे सरकार को गोमाता को 'राज्यमाता' घोषित करने के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पारित हुआ
३) इस महनीय कार्य केलिए तत्कालीन महाराष्ट्र राज्य मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे का नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित करने के शंकराचार्य जी के प्रस्ताव का स्वागत प्रस्ताव पारित किया गया।
४) महाराष्ट्र राज्य की वर्तमान सरकार से शीघ्रातिशीघ्र 'राज्यमाता' प्रोटोकोल और 'गौमाता राज्यमाता सम्मान संहिता' निर्मित करने का प्रस्ताव पारित किया गया ।
५) महाराष्ट्र राज्य सहित देश के सभी राज्यों की सभी विधानसभा क्षेत्रों (कुल ४१२३) में आदर्श रामाधाम की स्थापना के विचार का अभिनंदन प्रस्ताव पारित किया गया। गोविधायकों और गोसांसदों ने अपने अपने क्षेत्रों में रामाधाम की स्थापना का संकल्प लिया।
६) प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रों में कम से कम 80000 मतदाताओं को गोमतदाताओं के रूप में संकल्पित कराने का संकल्प लिया गया और इस हेतु अभियान चलाने का प्रस्ताव पारित किया गया।
७) गोहत्या में संलग्न बूचड़खानों को इस कार्य से विरत होने के लिए नोटिस देने का और आवश्यकता पड़ने पर इस हेतु संघर्ष करने के लिए एक 'गोरक्षा सेना' के गठन और प्रशिक्षण का प्रस्ताव भी पारित किया गया ।
८) राजस्थान सरकार द्वारा प्रति गोमाता के लिए आधा वीघा भूमि गोचर भूमि के रूप में आवंटित करने के निर्णय का स्वागत किया गया और धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया गया
९) भारत की लोकसभा के वर्तमान सत्र में गोमाता को राष्ट्रमाता बनाने के लिए अपनी आवाज उठाने के लिए होशंगाबाद मध्यप्रदेश सीट से सांसद श्रीमान दर्शन सिंह चौधरी जी के लिए धन्यवाद भेजने का प्रस्ताव पारित किया गया ।
ज्ञातव्य है कि संसद में अभी तक यह माँग सेठ गोविंद दासजी, श्री सुब्रमण्यम स्वामी जी और गेनीबेन ठाकोर ने उठाई थी अब उसे चौधरी जी ने आगे बढाया है।
९०) उत्तराखंड राज्य सरकार जैसे छोटे ट्रेक्टर केलिए सब्सिडी दे रही है वैसे ही बैल से खेती करने वाले किसान को प्रोत्साहन राशि देने के अनुरोध का प्रस्ताव पारित किया गया ।
११) रामा गाय की पहचान और गाय के नाम पर गवय की सेवा के भ्रम को दूर करने केलिए भारत के प्रत्येक राज्य में डी० एन० ए ० टेस्टिंग मशीन और पकड़े जाने पर वह मांस गोमांस है कि नहीं इसका शीघ्र निर्णय कराये जाने के लिए लैब बनाने का भी प्रस्ताव पारित किया गया।
१२) एक रामा गाय की सेवा करने वालों को पंजीकृत होने पर 'रामा सेवक प्रोत्साहन राशि ' देने , एक से अधिक दस तक रामागाय की सेवा करने वालों को पंजीकृत होने पर 'रामापालक प्रोत्साहन राशि' देने , दस से अधिक और १०० तक रामा गाय की सेवा करने वालों को पंजीकृत होने पर 'रामाधाम संचालक प्रोत्साहन राशि' देने का प्रस्ताव पारित किया गया।
इस हेतु २ हजार , २० हजार, २ लाख रुपए प्रति माह प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रस्ताव पारित किया गया
१३) गौसेवा प्रतिष्ठा, रक्षा आदि के इन कार्यों को संपन्न करने हेतु जनता से आर्थिक सहयोग प्राप्त करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया । उल्लेखनीय है कि अभी तक लंबा आंदोलन चलाने पर भी शंकराचार्य जी ने कभी इस हेतु १ रुपये का भी चंदा नहीं लिया है । अब कार्य बढाने केलिए आर्थिक सहयोग गौभक्तों से लेने का प्रस्ताव पारित किया गया है
१४)तेलंगाना की वर्तमान सरकार द्वारा 100 एकड भूमि में आदर्श गोशाला स्थापित करने के लिए भी धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया गया
१५) पंजाब प्रदेश में छोटे बूचडखानों की स्थापना के विरोध का प्रस्ताव पारित किया गया क्योंकि इन्हीं की आड में गोहत्या की जारी रहने के प्रमाण मिले हैं।
१६) चतुर्थ गो संसद में पहलगांव की घटना में मारे गये निर्दोषों की सद्गति के लिए प्रार्थना की गई
१७) मालशीरथ विधानसभा के गोविधायक बलभीम संदीपनिर्देशे के असमय काल कवलित होने पर शोक संवेदना व्यक्त की गई।
गोपाष्टमी को पुन: मिलने की सदिच्छा के साथ चतुर्थ गो संसद संपन्न घोषित हुई
यह गो संसद परमाराध्य परमधर्माधीश के सान्निध्य में प्रवर गोसेवाधीश पं. देवेन्द्र पांडेय दक्षिणांचल गोसेवाधीश पं. किशोर दवे जी के संचालन और द्विशताधिक गो सांसदों विधायकों सहित अनेक विषय विशेषज्ञों से संबोधित और सम्मानित रही।
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