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: छ ग में कोरोना के बाद स्वाइनफ्लू से हुई पहली मौत,अब तक कुल 28 नए केस,कवर्धा की 4 साल की मासूम ने तोड़ा दम.

छत्तीसगढ़ में कोरोना के बाद स्वाइन फ्लू से हुई पहली मौत.अब तक कुल 28 नए केस,कवर्धा की 4 साल की मासूम ने तोड़ा दम.

छत्तीसगढ़ (रायपुर)- कोरोना संक्रमण ,मंकीपाक्स के बाद अब स्वाइन फ्लू का कहर बरपना शुरू हो गया। मुम्बई,पुणे के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी स्वाइन फ्लू के मरीज बढ़ने लगे हैं। अभी तक प्रदेश में कुल 28 मामले सामने आए हैं। जिसमे एक मासूम की मौत भी हो गई।  स्वाइन फ्लू से राज्य में पहली मौत - स्वाइन फ्लू के संक्रमण से कवर्धा की 4 वर्षीय मासूम की मौत हो गई है। यह बच्ची रायपुर के समता कालोनी में इलाज के लिए एडमिट की गई थी। बच्ची के परिजन निमोनिया का इलाज कराने कवर्धा से निजी अस्पताल में आये थे ,जांच के दौरान स्वाइन फ्लू संक्रमण की पुष्टि हुई थी। रविवार की रात उपचार के दौरान ही मौत हो गई। राज्य में स्वाइन फ्लू से हुई मौत का यह पहला मामला है । 2017 में स्वाइन फ्लू से हुई थी दुर्ग में काफी मौतें - जरा 5 साल पीछे इसी मौसम को याद करें तो अगस्त महीने में स्वाइन फ्लू से कई जाने जा चुकी थी। अगस्त 2017 में दुर्ग में एक सुप्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ की जान भी स्वाइन फ्लू के कारण चली गई थी। उस वक्त दुर्ग में सबसे ज्यादा स्वाइन फ्लू के मरीज पाए गए थे और मौतें भी हुई थी। सरकार ने एडवाइजरी जारी कर भीड़ भाड़ से बचाव करने व हेल्प डेस्क बनाकर कंट्रोल रूम बनाने निर्देश भी दिए थे। आज 5 साल बाद स्वाइन फ्लू से पहली मौत की खबर चिंतित करने वाली जरूर है। सावधानी बरतना ही सबसे बड़ा बचाव है। अनावश्यक घूमने व भीड़ भाड़ में जाने से बचें। दुर्ग के जिला जिला स्वास्थ्य विभाग से मिली तत्कालीन जानकारी,सौजन्य से- जनसुनवाई फाउंडेशन उस वक्त चलाये गए जागरूकता अभियान ने काफी लोगों के बीच पहुंचकर इस संबन्ध में जागरूकता फैलाई गई थी। प्रदेश में सक्रिय तत्कालीन संस्था जनसुनवाई फाउंडेशन ने जनहित को ध्यान में रख कर लोगों को सावधानियां,लक्षण व बचाव के पोस्टर वितरित किया था। शहर के कुछ चिकित्सकों को साथ लेकर चौक चौराहों पर स्वाइन फ्लू से बचाव के तरीकों पर फोकस किया था। जागरूकता अभियान काफी चर्चित व कारगर भी रहा। देखने व जानकारी हेतु लिंक पर टच करें- https://youtu.be/U7veYhX-0ao स्वाइन फ्लू व कोरोना के एक जैसे लक्षण,रहें सावधान-  स्वाइन फ्लू और कोरोना के लक्षण लगभग एक जैसे ही देखे जा सकते हैं। इसमे खांसी ,बलगम आना,गले मे दर्द खराश,जुकाम के साथ कुछ लोगों को फेफड़े में इंफेक्शन होने से सांस फूलने की तकलीफ भी होने लगती है। इस तरह का लक्षण प्रतीत होने पर तुरन्त चिकित्सक को दिखा कर जांच कराना चाहिए। स्वाइन फ्लू एक वायरल इंफेक्शन है,जो मूल रूप से सुअरों से मनुष्यों में फैला एच1 एन1 (H1N1) इन्फ्लूएंजा वायरस है। चिकित्सकों का कहना है कि स्वाइन फ्लू की पहचान तब हो पाती है जब मरीज की तबियत वायरल से ज्यादा खराब होने लग जाती है।इन दिनों लोगों को सर्दी-जुकाम-बुखार की समस्या भी हो रही है। ऐसे में लोग साधारण बुखार जुकाम व स्वाइन फ्लू में अंतर नही कर पा रहे हैं।  इसके सामान्यतः लक्षण -स्वाइन फ्लू के सामन्यतः जो लक्षण देखे जाते हैं उनमें, बुखार आना,सिरदर्द होना,डायरिया होना, खांसी आना,छीक आना,ठंड लगना, गले मे खरास होना,थकान,नासिका मार्ग ब्लॉक होना,सामान्य तौर पर देखे जाते हैं। यदि ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हड़बड़ाहट नही करनी चाहिए सावधनी पूर्वक बचाव पर ध्यान देना ही इससे बचने का कारगर उपाय है। कोरोना व स्वाइन फ्लू इस वक्त अपना पैर फिर से पसार रहे हैं। विशेष सावधान रहने की जरूरत है। भीड़ भाड़ वाली जगहों से बचकर रहें,संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से दूर रहें। स्वच्छता व खानपान में सतर्कता व सावधानी बरतनी चाहिए।  

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