संगठन शक्ति और आध्यात्मिक विकास का प्रतीक है दही हांडी-पूज्य शंकराचार्य जी महाराज
नारी अबला नहीं,वेदों पुराणों में नारी को आदर्श माना गया है-
बड़े हनुमान जी के साथ कर गए खेला,
जो भक्त नहीं वह सनातनी नहीं- शंकराचार्य
संसार को नहीं स्वयं को बदलना होगा-पंडित प्रदीप मिश्र