लखनऊ- लखनऊ के एमपी-एमएलए कोर्ट ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राज बब्बर को 2 साल की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने 8500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने यह सजा 1996 के एक मामले में सुनाई है. राज बब्बर पर 1996 में एक मतदानकर्मी की पिटाई का आरोप लगा था. इसके बाद मतदान अधिकारी श्रीकृष्ण सिंह राणा ने धाना वजीरगंज में तत्कालीन समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राज बब्बर (Raj Babbar) और अरविंद यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. वहीं इस मामले में सुनवाई करते हुए 25 साल बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. सुनवाई के दौरान राज बब्बर कोर्ट में मौजूद थे. हालांकि सजा तीन साल से कम है इसलिए राज बब्बर को जमानत मिल जाएगी उन्हें जेल नहीं जाना पड़ेगा, लेकिन उन्होंने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ ऊपरी कोर्ट में अपील करेंगे. वर्तमान में राज बब्बर कांग्रेस के नेता हैं.
दरअसल मामला 2 मई 1996 का है. इस दिन मतदान अधिकारी श्रीकृष्ण सिंह राणा की तरफ से वजीरगंज थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई गई. इसमें उन्होंने तत्कालीन सपा प्रत्याशी राजबब्बर, अरविंद यादव और अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे.
ड्यूटी पर मौजूद लोगों से मारपीट का आरोप
मतदान अधिकारी श्रीकृष्ण सिंह राणा ने अपने शिकायती पत्र में बताया था कि मतदान केंद्र संख्या 192/103 के बूथ संख्या 192 पर जब मतदाताओं का आना बंद हो गया. तब वह मतदान केंद्र से बाहर निकलकर खाना खाने जा रहे थे. तभी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राजबब्बर अपने साथियों को लेकर मतदान केंद्र में आए और फर्जी वोटिंग का आरोप लगाने लगे. मतदान अधिकारी के अनुसार आरोप लगाने के बाद राज बब्बर ने अपने समर्थकों के साथ मतदान प्रक्रिया प्रभावित की और ड्यूटी पर मौजूद लोगों से दुर्व्यवहार और मारपीट किया.
राहत– जेल नही जाएंगे राजबब्बर
इस मारपीट में श्रीकृष्ण सिंह राणा के अलावा पोलिंग एजेंट शिव सिंह भी घायल हो गए थे. वहीं 25 से भी अधिक समय के चले इस अदालती कार्यवाही के बाद लखनऊ एमपी एमएलए कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया. कोर्ट ने राजबब्बर को दो साल की सजा और साढ़े आठ हजार रुपए का आर्थिक दंड दिया है. हालांकि राजबब्बर की सजा तीन साल से कम है इसलिए उन्हें जमानत मिल जाएगी और जेल नहीं भेजा जाएगा. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राजबब्बर ने कहा कि वह इस फैसले को चुनौती देंगे.