पुलिस की उदासीनता व मनमानी से निडर होकर चोरों का आतंक जोरों पर,ग्रामीणों ने एकजुट होकर जीडीपी व मुख्यमंत्री तक से मिलने की बनाई योजना.चिंतन जनशिविर का हुआ आयोजन
मेजा पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठते सवालों पर सींकी में हुआ मंथन,इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं व जनसुनवाई फाउंडेशन के सलाहकारों ने रखी कानूनी राय
मेजा पुलिस की हो रही किरकिरी,क्षेत्र में बढ़ती चोरी की वारदातें और पुलिस की उदासीनता ग्रामीणों की चिंता का कारण-
रिपोर्ट-संजय शेखर
प्रयागराज– इन दिनों जिले की मेजा कोतवाली पर प्रश्न चिन्ह के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं.लगातार मेजा पुलिस की कार्यप्रणाली पर उदासीनता और चोरों के साथ मिलीभगत का आरोप क्षेत्र में सुनाई देना अब आम बात हो गई है.यह तब और पुष्टिपरक हो गया जब इलाकाई थाने के सींकी गाँव मे ग्रामीण लामबंद होकर पुलिस की उदासीनता और मनमानी पर आंसू बहाते नजर आए.
चोरों को पकड़कर छोड़ देने से ग्रामीणों में आक्रोश-
सींकी कला में रविवार को गाँव के लोग इकट्ठे होकर चोरों के आतंक से बचने की रणनीतिक कवायद करते नजर आए.इस जन पंचायत में गाँव के लोगों के अलावा आसपास के लोग भी शामिल हुए. सभी ने अपनी अपनी आपबीती बताते हुए मेजा थाने की मनमानी और लेनदेन कर मामले को रफादफा करने का आरोप लगाते रहे.जनपंचायत में सबसे पहले ग्रामीणों को सरकारी सुविधाओं,पंचायतीराज अधिकार,शिक्षा जागरूकता सहित सुशासन पर चर्चा की गई तथा सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सुशासन पर सवाल खड़ी करती मेजा पुलिस की कार्यप्रणाली पर चिंता व्यक्त की गई. ग्रामीणों का कहना है कि,गांव में लगातार चोरी की वारदातें बढ़ रही हैं,पहले एक अधिवक्ता के दरवाजे से मोटरसाइकिल चोरी हो गई,उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नही हुई,उसके बाद लगातार चोरियां बढ़ती जा रही हैं,मोटर पंप,समर्सिबल,पाइप,साइकिल तथा अन्य वारदाते हो रही हैं लेकिन मेजा की पुलिस एक पर भी अपराध दर्ज नही कर सकी.ग्रामीणों ने यह भी प्रश्न खड़ा किया कि उल्टा फरियादियों को ही बुरा-भला कह कर उल्टा फंसा देने की धमकी देते हुए थाने से भगा दिया जाता है.हाल की ही चोरी की घटना बताते हुए विवेक सिंह ने कहा कि,चोरी करने वाले गिरोह के चोर को पकड़ कर डायल 112 में जानकारी दी गई,डायल पेट्रोलिंग के सिपाही को ग्रामीणों ने चोर की सुपुर्दगी की,थाने ले जाकर बिना चोरी माल को बरामद किए ही और बिना कोई सजा दिए,कार्रवाई किये ही चोर को छोड़ दिया गया.इससे पुलिस की मंशा पर कई सवाल ग्रामीणों ने उठाये हैं.सवाल उठना लाजिमी है भी,क्योंकि पुलिस पब्लिक की सुरक्षा के लिए है ताकि पब्लिक की जान,माल की सुरक्षा हो सके,यदि जब यही सुरक्षा के सिपाही चोरों को संरक्षण देने लगेंगे तो सवाल तो उठना अवश्यम्भावी हो जाता है.एक शिकायत यह भी आई कि,जो जनप्रतिनिधि या जागरूक व्यक्ति या पत्रकार पुलिस की सच्चाई उजागर करता है उसे मेजा पुलिस की प्रताड़ना का शिकार भी होना पड़ता है.हालांकि,इस चिंतन सभा मे बुद्धजीवियों ने कानूनी तौर पर एकजुट होने तथा अहिंसक तौर पर बल देते हुए इसकी शिकायत जीडीपी स्तर तक करने हस्ताक्षरित याचिका सौंपने की तैयारी कर ली है.
थाने में काफी समय से जमे हुए सिपाही कर रहे मनमानी-
सींकी गांव में एकजुट हुए ग्रामीणों के बीच यह चर्चा का विषय बना रहा कि,थाने में फरियादियों की फरियाद न सुनी जाने की एक वजह काफी समय से जमे सिपाही भी हैं.लोगों ने अपनी आपबीती बताते हुए आरोप लगाया कि लंबे समय से जमे सिपाही सौरभ राय पूरा मामला रफादफा करने का ठेका लेता है.जो भी थानेदार आते हैं उनसे उनकी सांठगांठ हो जाती है क्योंकि क्षेत्र में आदतन अपराधियों से लेते हुए संक्रिय चोरों के गिरोह तक को सौरभ राय जानता है,जब कोई घटना घटती है तो फरियादी के फरियाद के पहले ही सौरभ को पता हो जाता है कि क्या घटना उक्त गांव में हुई है,जब फरियादी अपनी दरखास्त लेके जाता है तो उसका सामना सौरभ से ही होता है,परिणामतः उसकी फरियाद ठंडे बस्ते में फेंक दी जाती है,बार बार थाने का चक्कर लगाते रहने पर भी कोई सार्थक रिजल्ट सामने नही आ पाता.ग्रामीणों ने इस जन बैठक में मेजा पुलिस की कार्यवाही को मनमानी व उदासीनता का पर्याय मानते हुए इसकी शिकायत गृह मंत्रालय व मुख्यमंत्री से करने की रणनीति बनाई.
हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने भी बैठक में रखी अपनी राय,कहा यदि पुलिस नही लिखती रिपोर्ट तो करें न्यायालय का रुख-
इलाकाई थानान्तर्गत सींकी कला की पंचायत भवन में आहूत जनसभा में इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता नंदलाल पटेल,अधिवक्ता के पी मिश्रा तथा राष्ट्रीय स्तर पर जनजागरूकता फैला रही संस्था जनसुनवाई फाउंडेशन के सलाहकार जय प्रकाश द्विवेदी भी उपस्थित रहे.अधिवक्ताओं ने कहा कि कानून में यह व्यवस्था है कि अपने अधिकार और फरियाद को कैसे पाना है.यदि पुलिस किसी रिपोर्ट दर्ज नही करती है तो उसके शीर्षस्थ अधिकारियों को अवगत कराएं, यदि इस पर भी बात नही सुनी जाती तो कोर्ट का रुख करें वहां जरूर न्याय मिलेगा.धारा 156(3) के तहत कोर्ट के निर्देश पर पुलिस को आपकी प्राथमिकी दर्ज करनी पड़ेगी उक्त बातें अधिवक्ता नंदलाल पटेल व केपी मिश्र ने कही.गाँव के ही विवेक सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि, जल्द ही पुलिस की इस उदासीन रवैया के खिलाफ ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस कमिश्नर व मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा.