राजधानी की सड़कें भी हुईं शर्मशार,अर्धनग्न हो युवाओं ने किया विरोध प्रदर्शन,ऐसा राज्य में पहली बार हुआ,मामला असली और नकली एससी एसटी का,भाजपा के इस विरोध को कांग्रेस ने कहा प्रायोजित
रायपुर- एक तरफ आदर्श व मर्यादा के प्रतीक कहे जाने वाले राम के ननिहाल की जयजयकार होती है तो वहीं कुछ दिनों बाद पूरी मर्यादाओं को तार तार कर दिया जाता है। जी हां,यह माजरा है छःत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर का।कुछ ही दिनों पूर्व इस प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर पर रामायण का आयोजन कर इसे मर्यादापुरुषोत्तम की मर्यादा व लोक संस्कृति,परंपरा व धार्मिकता की नगरी से अलंकृत कर देश भर के कलाकारों को बुलाकर राज्य सरकार ने वाहवाही लूटी,तो वहीं आज सारी मर्यादाएं उस वक्त चकनाचूर हो गईं जब युवाओं ने नग्न वस्था में सड़कों पर विरोध का स्वर मुखरित करने लगे। यह विरोध फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनाकर असली आदिवासियों के हक पर डाका डालने को लेकर हुआ। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की अगुवाई में एस सी एसटी वर्ग के युवाओं की विरोध रैली सड़कों पर निकलकर नग्नवस्था में विधानसभा की ओर बढ़े और उनकी तरफदारी में राजभवन में ज्ञापन सौंपा गया।
गवर्नर को बीजेपी ने भूपेश सरकार को बर्खास्त करने सौंप ज्ञापन-
भारतीय जनता पार्टी का आरोप है कि कांग्रेस की भूपेश सरकार के पांच साल के कार्य काल मे फर्जी ढंग से जाति प्रमाण पत्र बनाकर सरकारी लाभ वे उठा रहे हैं जो वाकई इसके हकदार नहीं हैं। एक तरह से यह धर्मान्तरण कर चुके आदिवासियों की ओर इंगित किया गया। उनका कहना है कि एस सी एस टी के युवाओं को इसका लाभ नही मिल रहा है बल्कि फर्जी ढंग से ऐसे लोगों को इसका लाभ मिल रहा है जो अन्य लोग हैं और इससे इतर हैं। भाजपा के इस मार्च में सांसद सुनील सोनी, सीनियर विधायक बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, धरमलाल कौशिक, संजय श्रीवास्तव समेत बीजेपी के नेता शामिल हुए। अंबेडकर चौक पर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
मामला जो भी लेकिन राज्य की संस्कृति कलंकित जरूर हुई है। चुनाव सिर पर है,आचार संहिता कुछ दिनों बाद लग जायेगी लेकिन राजनीतिक खेला अब जोर पकड़ लिया है। सड़कों पर चल रही महिलाएं भी और अन्य राहगीर भी इससे आहत देखे गए और इस प्रदर्शन को घिनौना करार कहते हुए राजनीतिक दांव पेंचों में घिरी मर्यादा को कोसते रहे। भारतीय जनता पार्टी ने राज्यपाल से मिलकर मौजूदा भूपेश सरकार को बर्खास्त करने और राष्ट्रपति शासन लागू करने को लेकर ज्ञापन सौंपा।और हर स्तर पर सरकार को फेल बताने की दलील देते हुए सरकार भंग करने की अपील की। इस धरने प्रदर्शन से कांग्रेस सरकार को घेरने का प्रयास किया गया और छत्तीसगढ़ के लोगों को छले जाने का सरकार पर आरोप लगाया। राजनीतिक लोग अपनी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर मौजूदा सरकार पर प्रश्न चिन्ह खड़ा किया है। तो वहीं कांग्रेस ने इसे प्रायोजित बताकर भाजपा की नियति पर सवाल दागते हुए कहा है कि,फर्जीवाड़ा तो रमन सरकार में हो रहे थे,उस वक्त भाजपा की सरकार ने इसे क्यों दुरुस्त नही किया और उन पर करवाई क्यों नही की जब लोग गलत ढंग से जातिगत आरक्षण का लाभ ले रहे थे।
आम आदमी पार्टी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए भूपेश सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए सरकार को भंग किये जाने की वकालत की है। तो वहीं कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप मढ़ा है।
महिमामंडन कर रही बीजेपी’
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा इस तरह की अवांछित गतिविधियों को प्रोत्साहित कर रही है। उनका महिमामंडन कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर इस मामले में घटिया राजनीति कर रहे हैं। उससे इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि भाजपा ने ही इन युवाओं को भ्रमित करके या उनसे सौदेबाजी करके छत्तीसगढ़ की संस्कृति को तार-तार करने का काम किया है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति का अपमान करने वाले भाजपाई ही इस तरह के षड्यंत्र कर सकते हैं। जिस तरह का फूहड़ प्रदर्शन कराया गया है, वैसा छत्तीसगढ़ के इतिहास में कभी नहीं हुआ। मुद्दाविहीन, दृष्टिकोणविहीन, जनसमर्थन विहीन भाजपा का असली चेहरा सामने आया है,यह छःत्तीसगढ़ की जनता देख रही है,इस ड्रामे का कोई लाभ भाजपा को नही मिलने वाला है। यह पलटवार कांग्रेस पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष बैज ने किया।