तंबुओं में रहने मजबूर हैं थारू समाज के लोग :कुर्किकला के गरीबों का छलका दर्द, पीएम आवास योजना का नही मिल रहा लाभ.उपेक्षा का दंश झेल रहे गरीब ग्रामीण.
जिला मुख्यालय से महज 40 किलोमीटर की दूरी पर बसे गाँव के ग्रामीण अभी भी मूलभूत सुविधाओं से हैं वंचित।
मेजा /(प्रयागराज- थारू वैद जाति कुदरत के साथ तालमेल मिलाते हुए सदियों से अपना अस्तित्व तलाश रहे हैं। निराशाजनक स्थिति में प्रकृति के साथ,हाथ मिलाकर तंबुओं को सहारा बनाते हुए जीवन जीने को मजबूर हैं ये वंचित समुदाय। थारू समुदाय के लोग आज भी बेघर हैं.
एक ओर जहां प्रधानमंत्री / मुख्यमंत्री आवास योजना घोषणाओं व कागजों पर सुर्खियां बटोर रही हो। करोड़ों लोगों को आशियाना मिल जाने की बात खुले मंचों से हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर गरीब को छत देने के नाम पर छाती चौड़ी कर रहे हों वहीं मिश्रपुर कुरकीकला के थारू समाज के लोग अपने छत की तलाश में भटक रहे हैं। इन्हें आवास संबन्धित किसी भी सरकारी योजना का लाभ नही मिल रहा है।
घासफूस का जो घर भी था वह बारिश में ढह गया,नही मिली सरकारी मदद-
घासफूस के छप्पर में रहकर अपना व अपने बच्चों का गुजर बसर कर रहे थारू समाज के ग्रामीण।लेकिन हल्की बारिश ने ही इन पर कहर ढा दी.इनकी छोपडी उजड़ गई। आंधी तूफान व बारिश में थारू वैद जाती के वंचितों का घर ढह जाने से इनके बच्चे चिलचिलाती धूप व बारिश में इनका जीना दूभर हो गया है।
आवास योजना का लाभ न मिलने से आहत, गाँव के ही बबलू,गुल्लू,महाजन व शंकर बताते हैं कि हम लोगों के पास आवास बनाने की जगह भी है, सूची मानक के अनुसार आवास योजना हितग्राही के पात्र भी हैं,फिर भी हमें इसका लाभ नही मिला है।ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि, पहले ऐसा हुआ है कि प्रधान अपने अपने मन पसंद के लोगों का नाम सूची में डाल देते थे। जिनसे उन्हें कुछ पैसे लेकर आवास मिल जाता है,और जो लोग पैसे नही देते उनका कार्य अधर में लटक जाता रहा है।
नही मिला मुआवजा – इस समुदाय के विनोद पुत्र पुर्री,राम गति पुत्र फौजदार,लाल बहादुर पुत्र रामभिलाख ने बताया कि हम लोगों ने बरसात में घर गिर जाने की जानकारी भी तहसील मुख्यालय में दी लेकिन आज तक कोई सुध लेने नही आया। बस गांव के प्रधान सुनीता देवी ही आईं व मदद करने की उम्मीद जगाकर चली गईं। प्रशासन से अभी तक कोई मदद नही मिल पाई है।
मूलभूत सुविधाओं से वंचित,पानी व आवासीय योजना के लाभ का वाट जोह रहे कुरकीवासी– आजादी के अमृत महोत्सव के इस दौर में भी मेजा क्षेत्रवासी सुविधाओं से वंचित हैं.यदि गाँव की जमीनी हकीकत को टटोला जाय,तो कागजी खानापूर्ति व जमीनी सच्चाई में सागर व सुराही के बीच का अंतर समझ मे आता है। ग्रामीण बताते हैं कि अभी भी सड़क,पानी व शिक्षा तथा आवास जैसी मूलभूत सुविधाओं से गाँव व ग्रामीण वंचित हैं।
नशे की गिरफ्त में शिक्षा,स्कूल के पास दारू दुकान- कहा जाता है कि व्यक्ति जब शिक्षित होता है तब वह समाज का व खुद का विकास करता है। नशा एक तरह से अशिक्षित लोगों को नशे की लत लगती है। लेकिन यहां तो पूरी शिक्षा ही नशे के गिरफ्त में है। स्कूल के बाउंड्रीवाल से सटी हुई शराब भट्टी का जाम हर समय यहां छलकता रहता है। बच्चे बताते हैं कि अक्सर ,ग्रामिन नशे में धुत्त होकर स्कूल में घुस जाते हैं,गाली गलौज व शोर शराबा कर यहां का माहौल दूषित करते हैं।
शासन प्रशासन का दावा खोखला सिद्ध हो रहा-शासन प्रशासन की यह साफ़ गाइड लाइन है कि स्कूल के आसपास किसी भी नशीले पदार्थ की दुकान,यहां तक कि पान ठेला भी नही होना चाहिए। स्कूल परिसर से 100 मीटर की दूरी पर पैमाना भी तय्यार किया गया है,लेकिन यहां सभी नियम कानून ताक पर रखकर कार्य हुए। शिकायतों के वावजूद भी कोई हल नही निकल सका है। बच्चे- बच्चियां काफी परेशान नजर आते हैं, उनके अभिभावकों की माने तो आये दिन इस बात का टेंशन रहता है कि दारू के नशे में बच्चियों को घूरने व उन्हें अनाप शनाप बोलने का क्रम जारी रहता है,यहां से दारू दुकान हटाकर गांव से बाहर शिफ्ट करना ही हल है।
बदलेगी तश्वीर,यदि समानता का लाभ मिला तो-मुरारी यादव- गाँव के ही प्रधान प्रतिनिधि व सपा संगठन के पदाधिकारी मुरारी यादव का कहना है कि ग्रामीण सही कह रहे हैं,अभी तक उन्हें सुविधाओं से वंचित रखा गया है। गरीब जनता त्रस्त है तो वहीं अधिकारी व प्रशासक इनका हक डकार कर मोटी खाल के हो गए हैं। गरीबों की सुनी नही जा रही है। गाँव के विकास के लिए हम मेहनत कर रहे हैं,कोशिश है कि उन्हें उनका अधिकार मिले,लेकिन स्थानीय जिम्मेदार अधिकारी गाँव में विकास कार्य स्वीकृत न कर ग्रामीणों को सुविधाओं से वंचित कर रहे हैं। यदि समान व्यवहार किया जाय तो निश्चित ही रूप से गांव की तश्वीर बदल दिया जाएगा। हम आवास योजना के लिए प्रतिबद्ध हैं,जिन लोगों के पास जमीन नही है उन्हें ग्राम सभा जमीन देगी,लेकिन ब्लॉक से उनको आवास स्वीकृत किया जाये। मुरारी यादव ने बताया कि कई बार गांव में हो रहे शराब व नशे के कारोबार की भी शिकायत अधिकारियों से की गई लेकिन कोई सार्थक हल नही निकल सका । गाँव अभी विकास से कोसों दूर है,हमारा प्रयास है कि हम अपने गांव को विकास के मुख्यधारा में लाकर एक सशक्त व मॉडल गांव बना सकें। हालांंकि अब इस बार की प्रधानी में लोगों के साथ हमारा व्यवहार उत्तम है,पहले के दिन अब लद गये हैंं।