हिंदुस्तान में मुगलों का इतिहास नही चलेगा,अब नई पीढ़ी नही पढ़ेगी मुगल सल्तनत का इतिहास
एनसीईआरटी ने इतिहास के पन्नो में किया बदलाव,अब मुगलों का नाम पाठ्यक्रम से हटाया गया,अकबरनामा व बाबरनामा से नई पीढ़ी को मिला छुटकारा.
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एन सीईआरटी) ने कक्षा 12वीं के पाठ्यक्रम से मुगलों से संबंधित पढ़ाये जाने वाले अध्यायों को हटा दिया है.विद्यार्थी अब मुगलों का इतिहास नही पढ़ पाएंगे.यह बदलाव कक्षा 10 वीं और 12 वीं के पाठ्यक्रम में दिखेगा. ये बदलाव पूरे देश मे एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम का पालन करने वाले सभी स्कूलों में वर्तमान शैक्षणिक सत्र यानी 2023-24 से लागू होंगे.
नई शिक्षा पद्धति में बदलाव कर युवाओं को नए भारत और बेहतर भारत की जानकारी दी जाएगी.मुगलों का इतिहास नही पढ़ाया जाएगा.अब नया सेट तैयार कर लिया गया है. यह कटौती विस्तृत विषय वाले पाठ्यक्रम में किया गया है.40 प्रतिशत तक की हुई कटौती से विद्यार्थियों को पढ़ाई करने में राहत मिलेगी,ऐसा विषय विशेषज्ञ व शिक्षा के जानकार कहते हैं.अब बाबरनामा और अकबरनामा को नही पढ़ाया जाएगा.यह कदम नए भारत व नए हिंदुस्तान की ओर बढ़ने का है,पहले शिक्षा में बदलाव कर नई पीढ़ी को सल्तनत व मुगलों की दरबारशाही से अनजान बनाया जाएगा फिर हिंदुत्व की और वैदिक साहित्य के साथ ही सनातन योद्धाओं की जानकारी प्रचारित की जाएगी.यह हम नही बल्कि वैदिक साहित्य व ज्योतिष के जानकार पंडित दुर्गेश शर्मा का कहना है.वे यह भी कहते हैं कि हमे गलत इतिहास पढ़ाया जाता रहा है.जिन मुगल बादशाहों ने अपनो का ही कत्ल कर सत्ता हथिया लिया उसका बखान कर इतिहास बनाया गया और पढ़ाया जाता रहा है.जबकि हमारे देश मे ऐसे ऐसे सनातनी योद्धा व शुरवीर हुए जो अद्भुत और अदम्य साहस से देश की आनबान शान की रक्षा की.युवाओं को उनका इतिहास पता होना चाहिए और शास्त्र व शस्त्र का ज्ञान देने की जगह फालतू के सेलेब्स पढ़ाये जाते रहे,हालांकि जब जागो तभी सबेरा,अब सरकार जगी है उसके स्वागत है.पं.दुर्गेश का कहना हैं कि, नए भारत के नई सुबह का अब नए तरीके से स्वागत होना चाहिए.