तालाब में किये जा रहे जलभराव को दबंग व्यक्ति ने किया प्रभावित,सरकारी गुल भी की गई छतिग्रस्त,मामला पहुंचा एसडीएम कार्यालय
मेजा तहसील अन्तर्गत सींकी कला का है मामला.तालाबों में पानी भरने से रोकने का मामला आया सामने.
प्रयागराज-पर्यावरण व कृषि विभाग के कई बार चेतावनी व समझाइस के बावजूद भी कुछ किसानों की मनमानी प्रशासन पर भारी पड़ रही है.पराली जलाकर नहर का पानी रोकना और उसे वेवजह खेतों में बहाने का मामला सामने आया है.यह मामला मेजा थान्तर्गत सींकी कला गांव का है.जहां एक पूर्व प्रधान की मनमानी व दबंगई सामने आई है.एक तरफ इस भीषण गर्मी में मवेशियों की प्यास बुझाने और किसी भी आगजनी से निपटने की समस्या को ध्यान में रख कर नहर विभाग ने नहर में पानी छोड़ा है ताकि गाँव के तालाबों को पानी से भरा जा सके.लेकिन इसी में कुछ ऐसे शरारती तत्व भी हैं जो जनकल्याणकारी कदमों पर रोड़ा बने हैं.सींकी गांव में तालाब जिसका गाटा संख्या 1720 है जो काफी बड़े रकबे में फैला हुआ है उस तालाब में जा रहे पानी को बीच रास्ते मे रोककर सरकारी गुल नम्बर 9 को काटा गया और पानी को फिजूल तरीके से खेतों में बहाया गया है.हालांकि भी खेतों में पानी का कोई काम नही है.
गांव के ही दबंग व्यक्ति ने बदनीयति से तालाब में जलभराव को रोका-
खबर यह है कि,सींकी कला के पूर्व प्रधान राजेश्वरी पटेल ने गाँव मे जा रहे पानी को डायवर्ट कर दिया है.नहर विभाग ने पानी इसलिए छोड़ा था कि गर्मी में आवारा मवेशियों को पेयजल की संकट न हो घुमन्तु जानवर पानी पी सकें बिना पानी मौत न हो और तालाबों में पानी संरक्षित किया जा सके.गांव के ही विवेक सिंह रानू ने एक तालाब को मछली पालन के लिए राजस्व पर पट्टा कराया है.जिसको वाकायदा अनुमति व लिखापढ़ी कर अधिकृत किया गया है,उस तालाब में पानी का भराव नहर से ग्रामसभा की गुल नम्बर 9 से किया जा रहा था.राजेश्वरी सिंह ने पहले खेतों में गेंहू के पुआल जलाया उसके बाद तालाब में जा रहे पानी बदनीयती से गुल को तोड़कर अपने खेतों में डायवर्ट कर अनर्गल बहाना शुरू कर दिया.उक्त व्यक्ति द्वारा की गई बदनीयति को ग्रामीण मनमानी और दबंगई बता रहे हैं.हालांकि इसकी शिकायत अधिवक्ता विवेक सिंह ने एसडीएम कार्यालय और नहर विभाग से की है.
उक्त कार्यों की एसडीएम से पट्टाधारी ने की शिकायत,करवाई किये जाने की मांग-
उक्त शिकायती पत्र में प्रशासन द्वारा किये जा रहे जन व जीवहितार्थ कार्य मे व्यवधान उत्पन्न करने को लेकर कार्वाई जांच व दण्ड प्रावधान का जिक्र किया है.रानू का कहना है कि उक्त व्यक्ति अक्सर जनहित कार्यों में व्यवधान खड़ा करता है जो कि मात्र राजनीतिक रूप से दखल व प्रभाव को दिखाने की बेहूदी कोशिश रहती है.गौरतलब है कि खेतों में पुआल जलाना भी अपराध है और सरकारी नहर विभाग का बिना अनुमति गुल तोड़ना भी.दोनों अपराधों को बिंदास करने की शिकायत सामने आई है.देखना यह होगा कि प्रशासन इन बनांयें गए नियमों/आदेशों के पक्ष में संज्ञानात्मक कार्रवाई करती है या फिर से बड़ा अपराध कराने का मौका देगी.