विष्णुभोग चावल की सुगंध पड़ोसी के घर मे भी जगा देती है भूख
प्रयागराज -वैसे तो सुगन्धित चावलों की कई वैरायटियां पाई जाती हैं। लेकिन उत्तरप्रदेश के प्रयागराज क्षेत्र के तराई अंचलों में विष्णुभोग चावल की खेती धूम मचा रही है। कोरांव क्षेत्र प्रयागराज का धान का कटोरा कहा जाता है। यहां के किसान चावल की महीन किस्म की प्रजातियां उगाते हैं। जिसमे सोनाचुर,सोनम,दुबराज और विष्णुभोग विशेष हैं। बासमती चावल भी खूब होता है। लेकिन विष्णुभोग की विशेषता विशेष है।
तराई क्षेत्र के किसान अमरनाथ पटेल,कमलेश मिश्र,गोविंद मिश्रा का कहना है कि यह वैरायटी खास किस्म की है जिसमे इसकी सुगन्ध व पतलापन थाली की शोभा बढ़ाते हैं। भूख न लगने पर भी इसकी सुगन्ध व मिठास से लोगों की भूख जागृत हो उठती है। विष्णुभोग चावल देखने मे पतला व छोटा होता है,खाने में उत्तम लगता है। जब कुकर की सिटी बजती है तो इसकी सुगन्ध मन में भूख जगा देती है,पड़ोसी के घर मे भी इसकी सुगन्ध पहुंचती है। कुल मिलाकर विष्णुभोग चावल की डिमांड काफी दूर तक है।यहां का चावल विदेशों तक मे सप्लाई किया जाता है। खाने पकाने में उत्तम विष्णुभोग अब काफी डिमांडफुल हो गया है। इसकी कीमत बारिश के मौसम में खासा बढ़ जाती है। वैसे सामान्यतः यह 50 से 55 रुपये किलो बिकता है।