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मनु सतरूपा के गाँव मनुपुर मनैया में विराजे चमत्कारिक पद्मासीन मनमोहन हनुमान जी का पन्द्रहवां प्राणप्रतिष्ठा वार्षिकोत्सव का आयोजन.मृत संजीवनी सप्तदिवसीय अनुष्ठान हुआ पूर्ण.

बड़े दूर दूर से आते हैं यहां भक्त,सभी की मनोकामना होती है पूर्ण,सभी संकटों और असाध्य रोगों से मिलता है छुटकारा.छोटे महराज पर है हनुमान जी की कृपा सामुद्रिक ज्ञान व मंत्र शक्ति से होता है सबका कल्याण.

प्रयागराज – युगसहस्र छाछठ द्वादशी सित, बुध वैशाख सुखन्त.मूर्ति प्रतिष्ठा हस्त सुठि मनमोहन हनुमन्त !!

पुराणोक्त मनु सतरूपा के प्राकट्य स्थल जिसका आधुनिक नाम मनुपुर मनैया है,में पन्द्रहवां प्राणप्रतिष्ठा वार्षिकोत्सव का आयोजन किया जा रहा है.अखण्ड रामायण व सप्तदिवसीय मृत संजीवनी अनुष्ठान का भी आयोजन हो रहा है.जिसकी पूर्णाहुति 3 मई को ई जाएगी.पूर्णाहुति और अखण्ड प्रसाद वितरण व भंडारे का आयोजन भी 3 मई को ही है.इस अनुष्ठान में काशी,चित्रकूट और प्रयागराज से पधारे विद्वत आचार्य पूजन करा रहे हैं.

श्री पद्मासीन मनमोहन हनुमान जी का चमत्कारिक मंदिर है मनुपुर मनैया में- 

श्री पद्मासीन मनमोहन हनुमान जी की मन्दिर में विराजित विग्रह

आयोजन कमल पर विराजमान श्री हनुमन्त लला जी के प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में हो रहा है.कमल रूपी आकृति में निर्मित मन्दिर में हनुमान जी विराजमान हैं जिनको लोग श्री पद्मासीन मनमोहन हनुमन्त जी के रूप में जानते व पूजते हैं. लोगों की आस्था इतनी है कि कई प्रान्तों से श्रद्धालु यहां आते हैं,उनका मानना है कि जो समस्या कहीं ठीक नही हो पा रही है,श्री पद्मासीन मनमोहन हनुमान जी के सामने रखने व कहने पर उसका निराकरण हो जाता है.सात समंदर पार से भी कुछ भक्त यहां जुड़े हैं,कइयों के असाध्य रोगों का निवारण भी यहां से हुआ है,ग्रामीण बताते हैं कि यहां पर पंडित राममूर्ति द्विवेदी (अब ब्रह्मलीन) ने मन्दिर की स्थापना की थी.उन्हें तंत्र और सामुद्रिक ज्ञान की सिद्धि प्राप्त थी जिससे कई समस्याओं का निराकरण होता रहा है.अब यह कार्य उनके पोते श्री प्रकाश द्विवेदी(छोटे महराज) संभालते हैं.छोटे महराज श्री हनुमान जी के सिद्ध भक्त हैं जिनके हजारों शिष्य देशभर में लाभान्वित हो रहे हैं.

क्या है मृत संजीवनी अनुष्ठान –

मृत संजीवनी मंत्र के नाम से ही इसका अभिप्राय प्रतीत हो रहा है.विद्वानों का मत है कि इस विद्या के अनुष्ठान से मृत तुल्य व्यक्ति को भी जीवन मिल जाता है.शास्त्रोक्त वर्णित है कि यह मंत्र मृत तुल्य आदमी में भी प्राण फूंक सकता है.इस मंत्र की ऊर्जा इतनी प्रबल है कि, जिसकी सांसे चल तो रही हों लेकिन उम्मीद न दिखती हो,और इस मंत्र का सवा लाख अनुष्ठान करवा दिया जाय तो उस व्यक्ति की अकाल मौत टल जाती है,ऐसी मान्यता है.मनुपुर में इसी प्राणदायी विद्या का अनुष्ठान किया जा रहा है.इस अनुष्ठान के मुख्य यजमान  मनमोहन द्विवेदी बताते हैं कि उनके जीवन मे कुछ ऐसी शारिरिक व्याधियां आईं जिसका उपचार करने डॉक्टरों ने भी मना कर दिया था तब इसी मृत संजीवनी विद्या का सहारा लिया गया और आज वह पूर्णतः स्वस्थ हैं और अनुष्ठान करा रहे हैं.इस अनुष्ठान में मुख्यरूप से वैदिक आचार्य शिवांक त्रिपाठी,उपाचार्य मनोज मिश्रा,पंडित जीवनलाल शुक्ला,पंडित अर्पित ओझा,पंडित रोहित शुक्ला,पंडित दीपक शुक्ला,पंडित अनुज तिवारी,पंडित सौरभ मिश्रा,पंडित कुलदीप पांडेय एवं पंडित श्रीकांत पांडेय के द्वारा वैदिक मंत्रों द्वारा पूजन कराया जा रहा है.

अनुष्ठान करा रहे विद्वत आचार्य

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