झारखंडधार्मिक

ऐसा अनोखा मन्दिर जहां बारहों मास-चौबीसों घण्टे माँ कराती हैं जलाभिषेक,शिवलिंग की है अद्भुत महिमा

अध्यात्म/धर्म दर्शन

भारत विविधताओं और ईश्वरीय शक्तियों का गढ़ रहा है जहां भगवान किसी न किसी रूप में अपने होने का आभास कराते रहते हैं। आपने कई मर्तबा यह सुना भी होगा और देखा भी। भारतीय संस्कृति में मंदिरों की जो प्रमुखता रही है वह अन्य किसी भी संस्कृति में नही मिलेगा। हालांकि,यदि देखें तो भोलेनाथ बाबा का मंदिर पूरे विश्व मे अनेकों हैं,लेकिन एक ऐसा भी मन्दिर है जो सबसे अनोखा है। हमे कई ऐसे मन्दिर देखने को मिलते हैं जहां भोलेनाथ का दिव्य दर्शन पाने भक्तों का रेला लगा रहता है। 

भगवान शिव का रहस्यमय मंदिर, जहां 24 घण्टें होता है शिवलिंग का जलाभिषेक

विश्वभर में शिव शंकर के बहुत से मंदिर हैं। लेकिन भारत में हमें शिव भगवान शिव के  कई मंदिर देखने को मिलते हैं। जैसे केदारनाथ, सोमनाथ, काशी विश्‍वनाथ, अमरनाथ, लिंगराज आदि शिव मंदिरों पर रोजाना अधिक भीड़ देशने को मिलती है। प्रत्येक मंदिर अपने-अपने इतिहास के लिए देशभर में प्रसद्धि है। लेकिन भगवान शिव के कुछ एेसे मंदिर भी है जिनके बारे में लोगों को पता नहीं होगा। आज हम हमको एेसे ही एक मंदिर के बताने जा रहे हैं जिसकी खासियत यह है कि यहां भोलेनाथ का जलाभिषेक साल के बारहों मास चौबीसों घण्टें होता है और इसे कोई और नहीं स्वयं गंगा जी द्वारा किया जाता है।
झारखंड के रामगढ़ में बसा एक मंदिर जिसे टूटी झरना के नाम से जाना जाता है। यहां भगवान शंकर के शिव लिंग पर जलाभिषेक कोई और नहीं स्वयं मां गंगा करती हैं। यह परंपरा यहां सदियों से चली आ रही है। कहतें है इस जलाभिषेक का विवरण पुराणों में भी मिलता है। भक्त मानते हैं कि यहां सच्चे दिल से मांगी गई मुरादे सदैव पूरी होती है।

इतिहास

रामगढ जिले में स्थित इस प्राचीन शिव मंदिर को लोग टूटी झरना के नाम से जानते है। मंदिर की इतिहास 1925 से जुडा़ है। तब अंग्रेज इस इलाके से रेलवे लाइन बिछाने का काम कर रहे थे। पानी के लिए खुदाई के दौरान उन्हें जमीन के अंदर कुछ गुंबदनुमा चीज दिखाई पड़ा। अंग्रेजों ने पूरी खुदाई की और अंततः ये मंदिर पूरी तरह से नजर आया। मंदिर के अंदर भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग मिला और उसके ठीक ऊपर मां गंगा की सफेद रंग की प्रतिमा मिली। प्रतिमा के नाभी से आपरूपी जल निकलता रहता है जो उनके दोनों हाथों की हथेली से गुजरते हुए शिव लिंग पर गिरता है।

मान्यता

मंदिर के अंदर गंगा की प्रतिमा से स्वंय पानी निकलना अपने आप में एक कौतुहल का विषय बना है। आखिर यह पानी अपने आप कहा से आता है, ये बात अभी तक रहस्य बनी हुई है। मान्यता अनुसार भगवान शंकर के शिवलिंग पर जलाभिषेक कोई और नहीं स्वयं मां गंगा करती हैं। यहां लगे हुए दो हैंडपंप भी रहस्यों से घिरे हुए हैं। यहां लोगों को पानी के लिए हैंडपंप चलाने की जरूरत नहीं पड़ती है बल्कि इसमें से अपने-आप हमेशा पानी नीचे गिरता रहता है। वहीं मंदिर के पास से ही एक नदी गुजरती है जो सूखी हुई है लेकिन भीषण गर्मी में भी इन हैंडपंप से पानी लगातार निकलता रहता है। मंदिर में श्रद्धालूओं का तांता लगा रहता है। लोग दूर दूर से यहां पूजा करने आते हैं। भक्त मानते हैं कि यहां सच्चे दिल से मांगी गई मुराद सदैव पूरी होती है। श्रद्धालुओं का कहना हैं टूटी झरना मंदिर में जो कोई भक्त भगवान के इस अदभुत रूप के दर्शन कर लेता है उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है। भक्त शिवलिंग पर गिरने वाले जल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं और इसे अपने घर ले जाकर रख लेते हैं। कहते हैं इस जल में इतनी शक्तियां समाहित हैं कि इसे ग्रहण करने के साथ ही मन शांत होता है और दुखों से लड़ने की ताकत मिल जाती है।

Khabar Times
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