उत्तरप्रदेशलखनऊ

सपा संस्थापक नेता जी,मुलायम सिंह यादव का कल सैफई में होगा अंतिम संस्कार,गुरुग्राम मेदांता अस्पताल में ली अंतिम सांस.

चंदन की लकड़ी से होगा अंतिम संस्कार.सैफई गाँव मे जुटे समर्थक व प्रसंशक.कल 3 बजे दी जाएगी मुखाग्नि.सदन की सभा स्थगित की गई.देश के राजनीतिज्ञों व सिने स्टारों ने व्यक्त की श्रद्धांजलि.

यूपी के राजनीति में दशकों काबिज सख्सियत-जनप्रिय नेता जी,अब नही रहे.कल होंगे सैफई के पंचतत्व में विलीन.

लखनऊ– सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव का पार्थिव शरीर लेकर सैफई पैतृक निवास पहुंचे हैं। इस दौरान समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की खासी भीड़ साथ रही.जब तक सूरज चांद रहेगा नेता जी का नाम रहेगा का नारा बुलंद करते समर्थको की आंखे नम दिखी.

 

शिक्षक से राजनीति अखाड़े के पहलवान बने मुलायम सिंह यादव उत्तरप्रदेश के 3 बार मुख्यमंत्री व देश के रक्षामंत्री रह चुके थे.वे 82 साल की उम्र में अंतिम सांस दिल्ली से सटे गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में आज सुबह 8.16 पर अंतिम सांस ली.स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी के संस्थापक व देश के बड़े राजनेता थे.उनकी बदौलत यूपी की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने मिलता रहा.

सैफई में दी जाएगी मुखाग्नि-

सैफई में ही उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी जाएगी.उनका अंतिम संस्कार कल यानी मंगलवार को दोपहर 3 बजे किया जाएगा.अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिक शरीर को सैफई पंडाल में रखा जाएगा जहां देश व प्रदेश की बड़ी राजनीतिक हस्तियां व सिनेस्टार पहुंचेंगे. वहीं उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.यह जानकारी सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो.रामगोपाल यादव ने दी.

चंदन की लकड़ी से किया जाएगा नेता जी का अंतिम संस्कार-

जानकारी अनुसार,कल उनका अंतिम संस्कार चंदन की लकड़ी से उनके पैतृक गांव सैफई में किया जाएगा.इत्र नगरी कन्नौज से लकड़ी व फूलमाला लेकर व्यापार सभा के लोग पहुंचेंगे.समर्थकों का जनसैलाब सैफई पहुंचा है.कल देश भर के उनके प्रसंशक पहुंचेंगे.

नेता जी का राजनीति में योगदान कब क्या रहे-

मुलायम सिंह यादव के जीवन से जुड़ी प्रमुख उपलब्धियां और घटनाएं इस प्रकार हैं…
1939:
 उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में जन्म।
1967: राम मनोहर लोहिया की संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रवेश किया।
1968: चौधरी चरण सिंह के भारतीय क्रांति दल में शामिल हुए। इस पार्टी का संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी में विलय हो गया और भारतीय लोक दल का गठन हुआ। आपातकाल (1975-1977) के बाद भारतीय लोक दल का जनता दल में विलय हो गया।
1977: पहली बार मंत्री बने।
1982-1985: विधान परिषद के सदस्य रहे और परिषद में विपक्ष के नेता बने।
1985-87: जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष बने।
1989-1991: पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
1992: समाजवादी पार्टी का गठन किया।
1993-95: दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
1996: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा, रक्षा मंत्री बने।
1998: संभल से फिर से लोकसभा सदस्य बने।
1999: संभल से फिर से सांसद चुने गए।
2003: तीसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। पत्नी मालती देवी का निधन। साधना गुप्ता से विवाह किया।
2004: मैनपुरी से सांसद चुने गए।
2007: उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता बने।
2009, 2014 और 2019 में सांसद बने।
10 अक्टूबर 2022 को निधन।

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