नेशनल डेस्क/संजय शेखर- तमाम आलोचनाओं व नाकाम कोशिशों के वावजूद नए संसद भवन का उद्घाटन (रविवार २८ मई) को होगा. इसका उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे साथ मे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला भी होंगे.नए भारत के उदय और नई पीढ़ी की नई ऊर्जा को समर्पित इस नए संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स की निगरानी में किया गया है.उद्घाटन समारोह में शामिल होने सभी प्रमुख लोगों को निमंत्रण पत्र भेजा जा चुका है.
रविवार को नए संसद भवन का उदघाट्न भी होगा और प्रधानमंत्री मोदी अपने ‘मन की बात’ भी करेंगे.इस भवन में डिजिटलाइजेशन का पूरा ख्याल रखा गया है.तमाम नई तकनीकी व सुविधाओं से लैस नए संसद भवन का निर्माण भव्यरूप से किया गया है.नए भारत के निर्माण में नए संसद भवन का निर्माण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.लोकतंत्र का यह मंदिर नए भारत की नई गाथा लिखने के लिए तैयार हुआ है.समाचार एजेंसी एएनआई की माने तो पीएम मोदी व स्पीकर ओम बिड़ला इसका उदघाटन कर इसे राष्ट्र को समर्पित करेंगे.इस आयोजन में सभी राज्य व केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रीयों को आमन्त्रण पत्र भेजा गया है.
संसद भवन के नए निर्माण के लिए टाटा प्रोजेक्ट्स को ठेका दिया गया था.उद्योगपति रतन टाटा और भवन निर्माण के चीफ आर्किटेक्ट बिमल पटेल को भी खासरूप से आमंत्रित किया गया है.तो वहीं कांग्रेस समेत 19 विपक्षी पार्टियों ने नई संसद के उदघाट्न समारोह का बायकॉट करने का फैसला लिया है.उनका कहना है कि इसका उदघाट्न पीएम मोदी की जगह राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के हाथ से होना चाहिए.
नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों हो रहा है, इसका विरोध कई पार्टियां कर रही हैं. इन दलों की मांग है कि उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करें. कांग्रेस समेत 21 विपक्षी दलों ने इसका बायकॉट किया है. इन दलों में कांग्रेस, डीएमके (द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम), आम आदमी पार्टी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे), समाजवादी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), सीपीआई, केरल कांग्रेस (मणि), विदुथलाई चिरुथिगल कच्ची, आरएलडी, टीएमसी, जेडीयू, एनसीपी, सीपीआई (एम), आरजेडी, एआईएमआईएम, एआईयूडीएफ, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, नेशनल कांफ्रेंस, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और मरुमलार्ची द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (एमडीएमके) शामिल हैं.
नये संसद भवन की थीम राष्ट्रीय पुष्प कमल और राष्ट्रीय पक्षी मोर की तर्ज पर रखी गई है.लोकसभा और राज्यसभा में दोनों की छवि नजर आएगी.हालांकि पुराना संसद भवन करीब 100 साल पुराना हो चुका है.और जगह भी कम है इसलिए नए भवन की जरूरत पड़ी.