गढ़ाकोटा के पटैरिया परिवार की यजमानी में पितृमोक्षार्थ संपन्न हुआ आयोजन
ईश्वर के ‘अंतर्यामी’ अवतार का ऐसे करें पूजन-
– भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में स्वामी रामानुजाचार्य का उपदेश
– गढ़ाकोटा के पटैरिया परिवार की यजमानी में पितृ मोक्षार्थ संपन्न हुआ आयोजन
वृंदावन । ईश्वर के ‘अंतर्यामी’ अवतार का पूजन हमें पूर्ण ब्रह्म का परिचय कराता है। ईश्वर के अनेकानेक अवतारों में से एक अवतार यह भी है। ईश्वर का सभी प्राणियों में वास है। वह अंतर्यामी अवतार में हमारे मन में नित विराजमान हैं। किंतु हम उन्हें बाहर खोजते हैं। मंदिर में विराजमान मूर्ति में भी उनका वास है और प्रकृति के कण कण में वही विराजमान हैं।
अतः उनके किसी अन्य रूप को पूजने के लिए यह आवश्यक है कि सबसे पहले अपने मन में विराजमान उनके दिव्य स्वरूप का पूजन करना हम जानें। इसके लिए मन को मंदिर बनाने का जतन करना चाहिए। विचार और व्यवहार में शुचिता, सत्य और शुद्धता का अनुशासन कर ऐसा किया जाता है। जीवन में सतोगुण धारण करने का जतन आवश्यक है। रजो और तमो गुणों पर नियंत्रण का अभ्यास करना चाहिए। केवल सतोगुणी बुद्धि ही मनुष्य को श्रेष्ठतम निर्णय लेने की दक्षता प्रदान करती है। तमो और रजो गुणी बुद्धि उचित निर्णय करने में बाधक होती है। ईश्वर के ‘अंतर्यामी’ अवतार का ध्यान होने पर सतो गुणों का स्वमेव विकास होता है और सतत अभ्यास के फलस्वरूप ईश्वर के अंतर्यामी स्वरूप का संतजन साक्षात्कार प्राप्त कर लेते हैं।
भागवत कथा में निहित यह ज्ञान हमें ईश्वर की इस दिव्य उपस्थिति का सहज बोध कराता है। उक्त उपदेश भागवत आश्रम, वृंदावन तीर्थ में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में उपस्थित भक्तों को स्वामी रामानुजाचार्य द्वारा दिया गया।
सात दिवसीय इस आयोजन का समापन आज यज्ञ उपरांत हुए ब्राह्मण भोज के साथ हुआ। गढ़ाकोटा, मध्यप्रदेश के पटैरिया परिवार द्वारा पितृ मोक्षार्थ यह अनुष्ठान यहां आयोजित किया गया। इस आयोजन में पटैरिया परिवार के सदस्यों सहित,कमलेश मिश्र व अन्य श्रद्धालुगण उपस्थित हो अमृतमयी कथा का रसपान किये।