संसार मे मात्र ईश्वर ही सत्य व स्थिर हैं शेष अस्थिर है.संसार सेवा चाहता है लेकिन भगवान संबन्ध चाहते हैं,ईश्वर से संबन्ध जोड़ लेना ही उनकी प्राप्ति का आधार है- स्वामी विजयानंद गिरी जी महाराज
भिलाई के रामनगर मुक्ति धाम आजाद चौक स्थित गिरजाधाम मन्दिर प्रांगण में चल रही है ईश्वर प्राप्ति हेतु मानव कल्याणकारी भगवत कथा.पांचवे दिवस की कथा में लगा भक्तों का तांता.योग शिविर व यातायात सुरक्षा हेतु लिया गया संकल्प.
भिलाई– मानव जीवन को दिग्भ्रमित होने से बचाने व संस्कार,सभ्यता तथा सनातन संस्कृति से जोड़ने का क्रम तथा भगवान की प्राप्ति का माध्यम ही सन्तो की दिनचर्या है जो हमेशा मानव कल्याणकारी युक्तियों से संसार को अभिसिंचित करते हैं.यही अभिसिंचन भिलाई के रामनगर में आजाद चौक मुक्तिधाम के पास गिरजाधाम मन्दिर प्रांगण में इस वक्त जारी है. इसके प्रवाहक ऋषिकेश से पधारे संत श्री विजयानंद गिरी जी महाराज जी हैं.यह कथा सामाजिक संस्था गोवर्धन फाउंडेशन द्वारा कराई जा रही है.कथा पंडाल में योग व सड़क सुरक्षा को लेकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है.
ईश्वर से संबन्ध रखना ही आंनद व मुक्ति का आधार है-
आज कथा का पंचम दिवस रहा जिसमे आसपास के श्रद्धालुओं ने भारी संख्या में उपस्थित होकर भगवत सलिला में आनंद की डुबकी लगाई और संत श्री द्वारा बताए गए भगवत प्राप्ति के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया.ऋषिकेश से भिलाई पधारे ओजस्वी प्रखर प्रवचनकर्ता श्री विजयानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि,मानव रूपी शरीर व संसार नित क्षण बदल रहा है जो मिथ्या भी है.लेकिन जगत पिता परमात्मा कभी नही बदलते.इसलिए ईश्वर पर ही विश्वास करना है अन्य किसी पर आसक्ति दुख का कारण है.लेकिन ईश्वर पर अटूट विश्वास ही सुख,आनंद व मोक्ष का आधार है.
ईश्वर की कृपा जब होती है तब मिलता है संतों का सानिध्य-
कथा के दौरान स्वामी विजयानंद जी ने कहा कि,संत ईश्वर की कृपा से ही मिलते हैं और यह तब होता है जब ईश्वर मानवों पर विशेष कृपा कर उन पर अपनी करुणा बरसाते हैं. उन्होंने कहा कि जब ईश्वर मानवों के प्रेम से सराबोर हो जाते हैं तब उन पर कृपा करने सन्तो को माध्यम बनाकर भगवत कथा का प्रसाद वितरण करते हैं जिससे मानव जीवन का उद्धार होता है.भगवान की भक्ति व प्राप्ति का बखान करते हुए संत श्री ने कहा कि ईश्वर सर्वत्र व्याप्त हैं और हर जीव का कल्याण करते हैं.वह ईश्वर कदापि नही हो सकता जो कहीं है और कहीं नही है,जो किसी पर कृपा करता है और किसी पर नही करता.जबकि ईश्वर तो हर जगह है और सब पर कृपा करता है.भगवान से बस सम्बंध स्थापित करने की ही जरूरत है,जब मानव भगवान से संबन्ध स्थापित कर लेता है और अपने आप को ईश्वर की ही संतान कहता व समझता है तो ईश्वर उसका संरक्षण करना शुरू कर देते हैं और यही संबन्ध हर मानव के कल्याण का कारण बनता है.
कथा के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए स्वामी जी ने कहा कि,सांसारिक वस्तुओं पर मानव का हक नही हो सकता लेकिन ईश्वर पर मानव का हक जन्म सिद्ध अधिकार है और यही अधिकार ईश्वर को अच्छा लगता है.ईश्वर ही मेरे हैं,यही कहने मात्र से ही ईश्वर प्राप्त हो जाते हैं और मानव निहाल हो जाता है.उन्होंने कहा कि ईश्वर वही करते हैं जो मानव के लिए बेहतर होता है.भगवान श्री कृष्ण की आरती व प्रसाद वितरण कर पंचम दिवस कथा का विराम हुआ.
कथा पंडाल में योग क्रिया व यातायात सड़क सुरक्षा का लिया गया संकल्प-
रामनगर आजाद चौक में चल रही कथा में पंचम दिवस में भी निरोगी काया बनाने लोगों ने योग किया.लगातार जारी इस योग प्राणायाम अभ्यास में भिलाई के लोग पहुंचकर योग सीख रहे हैं.योगाभ्यास भिलाई के ही योग प्रशिक्षक अरुण पंडा द्वारा कराया जा रहा है. कथा समाप्ति के दौरान सड़क सुरक्षा व यातायात नियमो के पालन हेतु लोगों ने संकल्प लिया. इस संकल्प में सड़क पर वाहन चलाते समय यातायात नियमो का ख्याल रखते हुए,चार पहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट लगाना,दुपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना,वाहन चलाते समय मोबाइल से बात न करना,नशे के दौरान वाहन न चलाना,एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस वाहन को रास्ता देना आदि शामिल रहा.साथ ही नागरिक धर्म का पालन करना भी बताया गया और कहा गया कि यदि कोई भी व्यक्ति सड़क पर दुर्घटना युक्त हो गया है तो उसे मदद पहुंचाने का भी कार्य व्यक्ति को करना चाहिए.सड़क हादसे के शिकार हुए स्मृति नगर पुलिस चौकी के सबइंस्पेक्टर स्व.देशमुख को श्रद्धांजलि भी दी गई.बता दें कि,कथा 1 दिसम्बर से आरंभ हुई है जो 7 दिसम्बर तक चलेगी.
कथा पंडाल में गीता प्रेस गोरखपुर की किताबों की दुकान भी लगाई गई है.वहां से कम मूल्य में उक्त प्रकाशन की पुस्तकें उपलब्ध हैं.आध्यात्मिक पुस्तकों को लिया जा सकता है.विशेष यह भी है कि,कथा में किसी भी तरह का चढ़ावा या भेंट स्वीकार नही हो रहा है.दिखावा पंथी से भिन्न है स्वामी विजयानंद गिरी जी महाराज की कथा,उनका स्पष्ठ आदेश है कि कोई भी व्यक्ति न तो उनका चरण छुएगा,न ही कोई चढ़ावा चढ़ाएगा और न ही महराज जी की फ़ोटो खींचेगा कुल मिलाकर तामझाम से इतर सादगी पूर्ण भाव सरिता का प्रवाह इस वक्त भिलाई में हो रहा है जिसके मुख्य आयोजक वरिष्ठ समाजसेवी व शिक्षाविद बृजमोहन उपाध्याय हैं।