हरेली/हरेला अमावस्या पर्व पर पर्यावरण संरक्षण का शंकराचार्य महराज ने दिया सन्देश व आशीर्वाद,मां राजराजेश्वरी से राष्ट्र की उन्नति के लिए की प्रार्थना
पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुक होने का पर्व है हरेला-
ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य जी महाराज.
नरसिंहपुर 17 जुलाई 2023-
आज का दिन सनातनियों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है । कर्क संक्रान्ति ,सोमवती अमावस्या के साथ ही श्रावण का सोमवार बेहद ही सुखद व अद्भुत संयोग कहा जा रहा है। नरसिंहपुर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में भगवती राजराजेश्वरी त्रिपुर सुन्दरी माता जी का हरियाली श्रृंगार किया गया । परमहंसी गंगा आश्रम क्षेत्र के सभी शिव मन्दिर में भगवान का अभिषेक पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज ने किया ।
लोककल्याण व राष्ट्र उन्नति के लिए पर्यावरण सहेजना आवश्यक-
परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ जी महाराज ने उत्तराखंड के लोक पर्व हरेला की सभी देशवासियों एवं प्रदेश वासियों को शुभकामनाएं प्रेषित की हैं ।
उन्होनें कहा कि हम सबको इस लोक पर्व को मनाने के पीछे के उद्देश्य को समझना होगा और पर्यावरण संरक्षण के प्रति गंभीर होना होगा ।
शंकराचार्य जी महाराज ने कहा कि हरेला लोक पर्व पर्यावरण संरक्षण एवं संबर्द्धन के साथ ही उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की परिचायक भी है । यह पर्व सभी जगह मनाया जाता है।छःत्तीसगढ़ में इस पर्व को हरेली कहा जाता है इसी दिन से राज्य में त्योहारों का आरंभ माना जाता है । स्वामी जी ने कहा, कि सावन माह के अवसर पर आयोजित होने वाले इस लोक पर्व से हमें संदेश मिलता है कि हमें अपने पर्यावरण के प्रति सचेत रहना चाहिए । कहा कि सदियों वर्ष पूर्व प्रारंभ किए कि इस लोक पर्व को मनाने के पीछे का उद्देश्य भी यही है ।
ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती जी ने कहा कि इस लोक पर्व पर हम सब देशवासियों को यह संकल्प लेना चाहिए कि हमें धरती से पर्यावरण प्रदूषण को मिटाने के लिए स्वंय प्रयासरत रहना चाहिए ।
हरेला पर्व के अवसर पर ज्योतिर्मठ शंकराचार्य पीठ में अधिसंख्या में भक्तों ने आकर मन्दिर दर्शन लाभ लेते हुए प्रसाद प्राप्त किया ।