तिरंगामय हेरिटेज : हर बच्चों के हाथ मे राष्ट्रध्वज,बच्चों ने कहा यह हमारा हेरिटेज है,हम इसकी रक्षा करेंगे,हमारे जीवन व मन मे है तिरंगे का तीनो रंग।
आजादी के 75 साल का अमृत महोत्सव-हर घर तिरंगा अभियान,देश की आन-बान-शान. हेरिटेज विद्यालय ने किया इसका सम्मान.
दुर्ग – आजादी के 75 वीं वर्षगांठ को अमृत महोत्सव के नाम से देश भर में मनाया जा रहा है। यह उत्सव हर भारतीय के स्वाभिमान व सम्मान के साथ राष्ट्रीय भावना से जुड़ा है। हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने का उद्देश्य देश के हर नागरिक को स्वतंत्रता प्राप्ति की गाथा व गौरव का प्रतीक राष्ट्रध्वज तिरंगा से जोड़ने का है।
13 अगस्त से 15 अगस्त तक देश भर में यह अभियान चलाए जाने का सरकारी फरमान है। स्कूल कालेज,सरकारी दफ्तर,व्यावसायिक प्रतिष्ठान, शहर,गाँव,गली,मुहल्ला सहित हर घर मे तिरंगा लगाना है।
इसी क्रम में दुर्ग का नामचीन उत्कृष्ट विद्यालयों में शुमार हेरिटेज इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में भी बच्चों ने लगातार हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए स्कूल के अलावा अन्य नागरिकों को भी जागरूक कर रहे हैं। शनिवार को स्कूल के विद्यार्थियों ने हाथ मे तिरंगा लेकर सभी देश की एकता व अखंडता का संदेश दिया। इस दौरान स्कूल के सभी छात्र-छात्राओं ने खुशी मन से तिरंगा के तीन रंगों को प्रकृति व बलिदान से जोड़ते हुए राष्ट्रीय भाईचारे का संदेश दिया। हेरिटेज स्कूल सांस्कृतिक व राष्ट्रीय गतिविधियों के कार्यक्रम संचालन में अग्रिम पंक्ति में शुमार रहता है। स्कूल के संचालक बृजमोहन उपाध्याय की सोच व क्रियाशीलता इसके लिए सकारात्मक व रचनात्मक मानी जाती है।
हर घर तिरंगा अभियान को लेकर बृजमोहन ने कहा कि यह अमृत महोत्सव का कार्यक्रम देशवासियों के लिए बिल्कुल एक सूत्र व धारा में राष्ट्रीय अस्मिता के साथ जोड़ने का जो अमृतमयी जनचेतना को जागृत करने का जो कार्य हमारे प्रधानमंत्री जी कर रहे हैं,वह हर देशवासी के लिए गौरवशाली है। हर साल 15 अगस्त व 26 जनवरी पर ध्वजारोहण का कार्यक्रम तो होता रहा है,लेकिन इस स्वतंत्रता दिवस की जो धूम जन जन में देखने को मिल रही है वह पहले ऐसी नही होती थी।
उन्होंने कहा कि,विद्यालय में एक सप्ताह से बच्चों को इस अभियान की रचनात्मकता को और सकारात्मक व सुदृढ बनाने की अपील करते हुए उन्हें हर घर तिरंगा ले जाने के महत्व पर जागरूक भी किया गया। हमे खुशी व गर्व है कि विद्यालय के बच्चों ने तिरंगा को आन बान और शान का प्रतीक समझते हुए स्कूल व आसपास के वातावरण को तिरंगामय कर दिया है।