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किसान अब कर्ज से नही करेंगे खुदकुशी : अन्न,उपकरण,खाद,बीज,सब खुद के हाथ,खेत को बनाएं बाजार! जानें कैसे?

संगठन में शक्ति है। किसान प्रोड्यूसर कम्पनी एक बड़ा उपक्रम।

प्रयागराज  – केंद्र सरकार द्वारा कृषि के क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए किसानो को सहायता प्रदान कर उन्हें समृद्ध बनाने की योजना बन रही है | इसके लिए FPO द्वारा किसानो के समूहों को तैयार किया जायेगा | FPO किसानो का एक ऐसा समूह होता है, जिसमे किसानो के कृषि उत्पादक के कार्य को आगे बढ़ाने का काम किया जाता है | देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा PM Kisan FPO Yojna का आरम्भ उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले से की गई |योजना के संचालन के लिए केंद्र सरकार द्वारा 5,000 करोड़ रूपए खर्च किये जायेंगे | FPO के माध्यम से किसानो को उनकी फसल के अच्छे दाम प्राप्त हो सकेंगे |

 एफपीओ को हिंदी भाषा में ‘कृषक निर्माता   कंपनी’ तथा अंग्रेजी भाषा में इसका फुल फॉर्म FPO-  Former Producer Organizations  कहा जाता है |

FPO का फायदा यह होगा कि किसानो को अपनी फसल के अच्छे दाम प्राप्त होंगे, और खरीदारों को भी उचित मूल्य पर उत्पादन प्राप्त होगा | इसके अलावा वह व्यक्ति जो अपनी फसल को बेचने के लिए अकेले ही चला जाता है, उसका मुनाफा बिचौलियों को मिल जाता है | FPO में आवेदन कर किसान अनेक प्रकार के लाभों को प्राप्त कर सकते है | देश के केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि देश में वर्ष 2019-20 से लेकर 2023-24 तक तक़रीबन 10,000 नए FPO का संगठन किया जायेगा | जिससे किसानो में सामूहिक शक्ति का विस्तार होगा |

एफपीओ के लाभ (FPO Benifits)

  • यह एक सीमांत व लघु किसानो का समूह होगा,इस समूह से जुड़े किसानो को अपनी उपज के अच्छे दाम मिलेंगे साथ ही उन्हें खाद, बीज, दवाये और कृषि उपकरणों को खरीदने में भी आसानी होगी |
  • किसानो द्वारा एफपीओ समूह को संगठित करने के बाद मिलने वाली सेवाएं सस्ते दामों पर प्राप्त हो जाएँगी, इसमें बिचौलियों का कोई काम नहीं होगा |
  • इस FPO के माध्यम से किसानो को अपने उत्पादन के अच्छे दाम प्राप्त करने के लिए एक सीधा मार्केट मिल जायेगा |
  • FPO संगठन समूह को तैयार करने के बाद किसानो के मध्य एकजुटता देखने को मिलेगी और भविष्य में उनका शोषण नहीं होगा |केंद्र सरकार आगामी 5 वर्षो में लगभग 10 हजार कृषि उत्पादक संगठनों को तैयार करने में लगी है |

किसान छोड़ने लगे थे किसानी,पर अब होंगे मजबूत

भारत में किसान धीरे-धीरे खेती करना छोड़ रहे हैं, जिससे किसानों की संख्या कम होती जा रही है। जिसका मुख्य कारण किसानों को उचित लाभ न मिलना है| खेती में किसानों को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है| मार्च 2016 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की कृषि-नीति में ऐतिहासिक परिवर्तन लाने की घोषणा की थी| इस घोषणा के अनुसार भारत की कृषि-नीति का मुख्य लक्ष्य 2022 तक अनाज का उत्पादन बढ़ाकर किसानों की आमदनी दुगुनी करना है| मोदी सरकार इलैक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय मंडी (eNAM) स्थापित करने पर काम कर रही है, और इस योजना के अंतर्गत देश की एक-तिहाई विनियमित थोक मंडियों को सूचीबद्ध कर लिया गया है| इसे और अधिक संभव बनाने के लिए स्थानीय या क्षेत्रीय स्तर पर कृषक उत्पादक संगठनों (FPOs) के गठन की आवश्यकता है, ताकि एक हज़ार से भी अधिक किसान, मंडियों तक अपनी पहुँच बना सकें और बेहतर दाम प्राप्त कर सके|

प्रयागराज के भइयां में चल रहा एफपीओ गठन का तेजी से कार्य

 बता दें कि अब FPO की तादात बढ़ने लगे गई है। उत्तरप्रदेश में योगी सरकार ने 60 हजार एफपीओ बनाने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश के प्रयागराज जनपद में भी इसका गठन तेजी से चल रहा है। जनपद के मेजा तहसील के ग्रामसभा भइयां में इसका प्रसार प्रचार तेजी से हो रहा है। गाँव के ही सामाजिक चिंतक उत्तम किसान की खिताब पा चुके किसान कमलेश मिश्र जो कि पेशे से अधिवक्ता भी हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं,उनका कहना है कि अब गाँव के किसान संगठित होकर एक एफपीओ का गठन कर लिए हैं। सदस्य बनाने का कार्य भी तेजी से चल रहा है । जल्द ही कम से हजार सदस्य जुड़कर बड़ा कार्य करेंगे। योगी सरकार व केंद्र की कृषक उन्नति नीति का हम स्वागत करते हैं।अब किसान स्वावलंबी बनकर आर्थिक स्थिति को मजबूत कर आगे बढ़ेगा यह उम्मीद व पूरा भरोसा है। इस कार्य मे लगे कृषक राजकुमार मिश्रा व गोविंद प्रसाद मिश्र ने भी इस गठन पर खुशी व्यक्त किया है।

Khabar Times
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