“हर घर तिरंगा” अभियान के बाद अब करोड़ों झंडों का क्या होगा ?
अपील – कृपया कोई भी व्यक्ति तिरंगा के विनष्टीकरण को अथवा जमीन में गिरे झंडों की आपत्ति जनक वीडियो न बनाए और न ही उसको सोशल मीडिया मे अपलोड करें,यदि आपको झंडा गलती से भी कहीं जमीन पर पड़ा दिखता है तो उसे ससम्मान उठाकर पास रखें,और इस लेख में लिखे” फ्लैग कोट ” अनुसार ध्यान दें।
राष्ट्रीय – “हर घर तिरंगा”अभियान में लगभग 6 करोड़ से लेकर 30 करोड़ तक झंडों की खपत होने का आंकड़ा बताया जा रहा है। जिसमे लगभग 500 करोड़ का व्यवसाय होना सामने आ रहा है। 13-15 अगस्त के बीच मुमकिन है कि आपने भी अपने घर,दफ्तर,कार व बाइक पर झंडा लगाया होगा। हालांकि भारत मे 15 अगस्त पर झंडा फहराने या तिरंगा लगाने का चलन कोई नया नही है,लेकिन इस साल बात बिल्कुल अलग थी। अबकी बार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशवासियों से 13-15 अगस्त के बीच झंडा लगाने की अपील की थी। जिसके लिए भारत सरकार का सांस्कृतिक मंत्रालय ने राज्य सरकारों के साथ अन्य मंत्रालयों के साथ मिलकर इस अभियान को सफल बनाने की खास व्यवस्था की थी और अभियान के रूप में गतिप्रदान करने पुरजोर प्रभावी बनाया था। जिसके तहत 20-25 करोड़ तिरंगा लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इस अभियान को ‘हर घर तिरंगा’ नाम दिया गया था।
कितने लोगों ने लगाया झंडा – यदि हम अब तक प्राप्त आंकड़ों की बात करें तो लगभग 6 करोड़ झंडे घरों,डिजिटल माध्यमों,वाहनों पर लगाने का रिकार्ड पता चल रहा है। इस अभियान को हाइब्रिड मोड में मनाया गया। हालांकि संस्कृति मंत्रालय ने मंगलवार को दोपहर तक मे डिजिटल मोड में लगाये गये झंडे की गिनती की जो कि लोगों ने अपने सोशल एकाउंट में सेल्फी के साथ अपडेट किया था। फिजिकल तौर पर लगाये गए आंकड़ों की गिनती नही हो पाई है। एक प्रतिष्ठित न्यूज एजेंसी को दिए एक आंकड़े में बताया कि कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स(सीएआईटी)के मुताबिक इस साल 15 अगस्त के मौके पर व्यापारियों ने अलग अलग साइजों के 30 करोड़ झंडे बेंचे थे। इसका कुल व्यापार 500 करोड़ का हुआ था।
गौरतलब यह है कि सवा सौ करोड़ देशवासियों के बीच यदि 30 करोड़ झंडे बंटे भी होंगे तो अभी तो लगभग 100 करोड़ भारतवासी तिंरगा लहराने या लगाने से छूट गए । हालांकि यहां सवाल यह नही है कि कितने लगाए कितने नही लगा पाए। यहाँ बात यह है कि इतनी दिलचस्पी से तिरंगा का संबन्ध जनमानस के साथ जोड़ा गया,जो पहले नही हुआ कभी । अब एक बात और गंभीर सामने आ रही है,जो हद तक विचारणीय है,वह यह कि,इतने तिरंगों का अब होगा क्या ? करोड़ों झंडों को सहेजना और ससम्मान रखना या निस्तारण, आखिर क्या होगा,कैसे होगा,कहीं दुरुपयोग न हो,इन सब सवालों के जबाबो पर आइये,एक नजर डालते हैं-
झंडा जमा करने की पहल
इसका एक जवाब समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने ट्विटर पर एक पोस्टर शेयर करके दिया है.
उनके द्वारा शेयर किए गए पोस्टर में लिखा गया है –
”15 अगस्त के बाद झंडे का क्या? घबराने की ज़रूरत नहीं है. ला मार्टिनियर गर्ल्स कॉलेज, लखनऊ कॉलेज के पास इसका समाधान है. हम राज्य भर के अलग-अलग शहरों के रिहायशी इलाकों, घरों, दूसरे संस्थानों, सड़कों से जमा किए झंडे इकट्ठा कर रहे हैं. आप चाहें तो इस्तेमाल किए हुए झंडे डाक से भेज सकते हैं और चाहें तो उनके कॉलेज के गेट पर भी जमा कर सकते हैं.”
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 15, 2022
ला मार्टिनियर गर्ल्स कॉलेज की प्रिंसिपल आश्रिता दास ने बीबीसी से बातचीत में बताया कि ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के साथ इस तरह से जुड़ने का फ़ैसला कॉलेज प्रशासन का था. इस फ़ैसले में राज्य प्रशासन का कोई रोल नहीं है.
उन्होंने साथ ही ये भी जोड़ा कि इस पहल के बारे में उन्होंने स्थानीय निगम प्रशासन को बताया है जिन्होंने आश्वस्त किया है कि वो लोगों को इस बारे में जागरूक करेंगे.
आश्रिता दास के मुताबिक़, 15 अगस्त को देर शाम ही उन्होंने इसका पोस्टर सोशल मीडिया पर शेयर किया है. ”शुरुआती समय है, हमें बहुत उत्साहजनक रेस्पॉन्स नहीं मिला है. लेकिन हमने नगर निगम और अपने यहां पढ़ने वाले छात्रों से अब इस बारे में बात की है.”
ला मार्टिनियर गर्ल्स कॉलेज की तरह ही इंडियन ऑयल मुंबई ब्रांच ने भी 16 अगस्त से फ़्लैग कलेक्शन ड्राइव की शुरुआत की है. आप मुंबई के आसपास रहते हों, तो इंडियन ऑयल के पेट्रोल पंप पर जाकर झंडा जमा कर सकते हैं.
इसी तर्ज पर माई ग्रीन सोसाइटी नाम से एक एनजीओ ने भी झंडा जमा करने की पहल की है.
ये कुछ चुनिंदा प्रयास हैं जो निजी स्तर पर शुरू किए गए हैं. केंद्र या राज्य सरकार की तरफ़ से अभियान के दौरान इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी शेयर नहीं की गई है.
क्या हैं नियम
लेकिन ऐसा नहीं है कि झंडा जमा करने वालों के पास ही जाने का विकल्प जनता के पास मौजूद है. आम जनता अपने स्तर पर भी झंडे का ख़्याल रख सकती है और नष्ट कर सकती है.
इंडियन फ़्लैग फ़ाउंडेशन के सीईओ असीम कोहली का कहना है कि ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के बारे में काफ़ी भ्रांतियां फैली हुई हैं.
वो कहते हैं, “लोगों के मन में ग़लत धारणा है कि झंडा केवल 13 से 15 अगस्त के बीच ही लगाना था. केंद्र या राज्य सरकार की तरफ़ से ये कभी नहीं कहा गया कि 15 अगस्त के बाद झंडा उतार लें. सबसे पहले तो जनता को ये बात समझनी है.”
वो आगे कहते हैं कि ”भारत में साल के 365 दिन घर, दफ़्तर या किसी सार्वजनिक जगह पर झंडा लगाने की आम जनता को इज़ाज़त है. सुप्रीम कोर्ट के 2004 के फ़ैसले के बाद ये संभव हो पाया है. इस वजह से 15 अगस्त के बाद घरों से झंडा उतारना अनिवार्य नहीं है. आप उसे यथास्थान लगे रहने दे सकते हैं.”