6 मिनट में दो बार मरा माफिया डॉन,पर कैसे? पढें पूरा सच
कितनी बार मरेगा माफिया अतीक़ ? 6 मिनट में दो बार मारा गया डॉन !
प्रयागराज– मौत भी किये गए कि सजा की तरह ही मिलती है अक्सर लोग यह कहते हैं.और हुआ भी वही अतीक़ अहमद के साथ.अतीक़ अहमद को गुरुवार की दोपहरी में दो बार मरना पड़ा और वो भी पूरी पुलिसिया टीम,कैमरे और लोगों की नजरों के सामने.दरअसल वाकया दूसरा था लेकिन दिलचस्प भी रहा क्योंकि उस डॉन को फिर से मारा जा रहा था जिस माफिया की मौत शनिवार की दरमियानी रात हो चुकी है.वह दुनिया की ऐसी मौत थी जो लाइव थी जिसे पूरा देश देख रहा था और पुलिस सुरक्षा में खड़ी थी मौका था स्वास्थ्य जांच का और परिसर था चिकित्सालय का.पूरी मीडिया,पुलिस और आम चश्मदीद के समक्ष यूपी के बड़े माफिया डॉन की हत्या की गई और अब गुरुवार को फिर से अतीक़ दो बार मारा गया.
लखनऊ की टीम ने लिखी स्क्रिप्ट किया गया विजुअलाइजेशन-
दोपहरी में अतीक़ की हत्या का स्क्रिप्ट लखनऊ से आई 10 सदस्यीय टीम ने लिखा और उसका विजुअलाइजेशन लैपटॉप में देख फिर से अतीक़ और अशरफ को खड़ा किया गया,दोबारा पिस्टल तानी गई और तीनों शूटर ताबड़तोड़ फायरिंग के पोजिशन में आ गए.गोली चला रहे एक शूटर को इंस्पेक्टर राजेश मौर्य ने पीछे से पकड़ लिया.धूमनगंज थाने के सिपाही मान सिंह को और क्रॉस फायरिंग की दशा में शूटर लवलेश तिवारी को गोली लगती है.उधर माफिया अतीक़ और उसका भाई अशरफ खून से लथपथ हो जमीन पर पड़े रहते हैं.वहीं,एक शूटर पिस्टल फ़ेंककर सरेंडर,सरेंडर चिल्लाता है और दूसरे को अभिरक्षा में लगा सिपाही दबोच लेता है.उधर जमीन पर पिस्टल,कैमरा और माइक पड़ा रहता है.करीब 6 मिनट में यह बारदात होना दिखाया जाता है .इस प्रकार 6 मिनट में यूपी का चर्चित माफिया अतीक़ अहमद दो बार मरता है लेकिन इस बार गोली नही लगती है.मौका रहता है एस टी एफ द्वारा रिक्रिएशन सीन फिल्माए जाने का.
यह दिलचस्प मर्डर मिस्ट्री की पटकथा लिखी जाने के पीछे अतीक अहमद की मौत के पीछे उठ रहे संदेहास्पद सवालों का होना है जो पुलिस की जबाबदेही पर उठ रहा है.पुलिस अभिरक्षा में की गई हत्या पर सवाल उठना लाजमी है और वो भी उस समय जब पूरे मीडिया का लाइव प्रसारण चल रहा हो जिसे पूरा देश ही नही बल्कि दुनिया भी देख रही है!विशेष जांच दल ने प्रयागराज के काल्विन अस्पताल पहुंचकर अतीक़ की शूटआउट फीचर को अपने कैमरे में कैद कर लिया है और जांच की फोरेंसिक एक्सपर्ट टीम के भी साक्ष्य जुटा लिया है.अब क्या होगा इस सवाल का जबाब जांच परिणाम सामने आने पर ही पता चल पाएगा.
यहां बता दें कि इस 15 अप्रैल शनिवार को अतीक की हत्या मीडियाकर्मी बनकर आये तीन शूटरों ने की थी.उसी काल्विन अस्पताल में गुरुवार को फोरेंसिक टीम एक्सपर्ट और एसटीएफ के अधिकारी पहुंचकर उस मर्डर मिस्ट्री का रिक्रिएशन किया.इसमे फोरेंसिक टीम के एक डायरेक्टर,तीन डिप्टी डायरेक्टर के अलावा बैलिस्टिक,एक्सप्लोशिव और ब्लड सहित अन्य के एक्सपर्ट मौजूद थे.उन्होंने इस कार्य मे प्रयागराज फोरेंसिक टीम की भी मदद ली.
कैसे बन गया आतंक का पर्याय अतीक़ और कितनी रही काली कमाई-
बता दें कि, अतीक़ अहमद एक तांगा चलाने वाले का बेटा था जो कि गुनाह की दुनिया मे कदम रखा और दशकों तक माफियागिरी में मजबूत स्तंभ बनकर फलता फूलता रहा ,हजारों करोड़ रुपये की अवैध कमाई कर रंगदारी व जमीन हड़पता रहा जिसका अंत भी उसी तरह से हुआ जैसा वो दूसरों के साथ करता रहा.कई जमीनों को बुलडोजर के दम पर हड़पा था और बुलेट के दम पर कब्जियाया था,उसके साथ भी कमोवेश वही कहानी दुहराई गई.योगी राज में उसकी अवैध प्लाटिंग,इमारतों व किये गए कब्जे पर बाबा का बुलडोजर चला और कनपटी पर बुलेट लगाकर उसकी हत्या कर दी गई.सिर्फ वही नही बल्कि उसके बेटे असद का भी इनकाउंटर हुआ और बीबी फरार है,पुलिस इनाम की घोषणा कर तलाश में लगी है.
अतीक़ अहमद गुंडागर्दी से सीधे राजनीति में दखल रखा,बसपा और सपा जैसी पार्टीयों का रसूखदार बन कर सांसद भी बना.सैकड़ों मुकदमे भी लदे लेकिन कार्रवाई नही की गई.योगिराज में माफियाराज का खात्मा होने की फाइल तलाशी जाने लगी तो विकास दुबे के बाद अतीक़ अहमद मोस्ट वांटेड दिखा और उसकी कुंडली खंगाली जाने लगी.कारण बना प्रयागराज का उमेश पाल हत्याकांड.उसी हत्याकांड से अतीक़ अहमद की कुंडली मे शनि की साढ़ेसाती सवार होती है और बाबा की न्यायिक दृष्टि में कैद हो जाता है माफिया अतीक़ अहमद.सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि माफिया को मिट्टी में मिला दूंगा और वह कार्य बखूबी हुआ भी.अतीक़ अहमद ने हजारों बेनामी संपत्तियां अपने बाहुबल व आतंक से अर्जित की थी जिस पर कइयों संपतियों पर बुल्डोजर चल चुका है.और लगभग सभी अवैध रियल स्टेट कारोबार पर प्रशासन की पैनी नजर है जिनमे कुछेक को गिराकर सील किया जा चुका है.जिस आलीशान बंगले में बैठक माफियाराज चलाता रहा वह अब खंडहर में तब्दील किया जा चुका है.अतीक़ का आतंक सिर्फ प्रयागराज या यूपी भर में ही नही था बल्कि देश भर में फैला हुआ था और तो और बताया गया कि, पाकिस्तान से भी उसके तार जुड़े थे जहां से कुछ हथियारों के मिलने की भी पुष्टि हुई थी. आतंक कितना भी बड़ा क्यों न हो यदि सरकार चाहेगी तो उसका खात्मा तो कर ही देती है.जनता, इस माफिया पर बुलडोजर और बुलेट चलाने की हिम्मती कार्रवाई पर योगी आदित्यनाथ की खुलेआम प्रशंसा करती है.अब अतीक़ के आतंक के कुनबे के कुछ गुर्गे बचे हैं जिनकी तलाश पुलिस कर रही है.गौरतलब बात यह भी सामने आई है कि,उत्तरप्रदेश में एक दूसरी लिस्ट भी जारी की गई है जिसमे मोस्ट वांटेड बाहुबलियों का नाम है.योगी ने कहा है कि कोई भी किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो लेकिन यदि वह आतंक के कारोबार,माफियागिरी या अवैध कारोबार में जुड़ा है तो उसकी सजा उसे जरूर मिलेगी.इस एलान से यूपी के माफिया अब सकते में आ गए हैं,खलबली मच गई है.
अंधेरी रात की बजाय तपती दोपहरी में हुआ हत्याकांड का सीन रिक्रिएशन
बता दें,कि काल्विन अस्पताल में 15 अप्रैल शनिवार की अंधेरी रात में हुई हत्या का पुलिस,फोरेंसिक एक्सपर्ट और पुलिस टीम ने दिन के उजाले में सीन रिक्रिएट किया.इस मे शूटर,अतीक़ अहमद और अशरफ और पत्रकारों- मीडियाकर्मियों की भूमिका एसओजी के सिपाहियों ने निभाई.जबकि अभिरक्षा में तैनाती उन्ही पुलिस वालों की की गई थी जो वास्तविक घटना के समय शनिवार की रात मौजूद थे.इस बार भले ही वास्तविक घटना या यूं कहें कि सही में हत्याकांड नही था.लेकिन तपती दोपहरी में किया गया रिव्यू व फिल्मांकन हूबहू उसी तरह से था जैसा कि शनिवार की रात को अतीक़ अहमद व उसके भाई अशरफ की हत्या की गई थी ऐसा उन लोगों ने बताया जो उस वक्त प्रत्यक्षदर्शी थे.