झारखंडराजनीति

झारखंड मामला: बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे सहित नौ के खिलाफ एफ आई आर दर्ज,आखिर क्यों भिड़े बीजेपी सांसद व कलेक्टर

झारखंड के देवघर एयरपोर्ट की सुरक्षा में कथित चूक के मामले में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी समेत नौ लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है. इस एफ़आईआर में निशिकांत दुबे के दो बेटों का नाम भी शामिल है.

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे

यह एफ़आईआर कुंडा थाने में दर्ज की गई है.

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी और अन्य पर देवघर एयरपोर्ट पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी और नियमों को तोड़ने का आरोप है. इन दोनों बीजेपी नेताओं और इनके साथ मौजूद लोगों पर एयरपोर्ट की एटीसी बिल्डिंग (एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल बिल्डिंग) में जबरन घुसने का आरोप है.

देवघर के एक अधिकारी की ओर से दर्ज शिकायत में इन लोगों पर, दबाव बनाकर जबरन एटीएस क्लीयरेंस लेने का भी आरोप है.

दिल्ली में निशिकांत ने एक जीरो एफ आई आर डीसी के खिलाफ कराई है। यह एफ़आईआर देवघर के डीसी के ख़िलाफ़ दर्ज की गई है. दिल्ली में दर्ज हुए इस मामले में दिल्ली पुलिस ने धारा 124बी, 353, 120बी, 441, 447, 201, 506 के तहत एफ़आईआर दर्ज की है

क्या है मामला?

यह पूरा मामला बीजेपी सांसदों के झारखंड के दुमका जाने के साथ ही शुरू हुआ. निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी कुछ अन्य लोगों के साथ 31 अगस्त को झारखंड के दुमका शहर जाने के लिए देवघर एयरपोर्ट उतरे थे.

निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी ‘एकतरफ़ा प्यार की शिकार हुई’ अंकिता के परिवारवालों से मिलने पहुंचे थे. अंकिता के मोहल्ले में रहने वाले शाहरुख़ हुसैन नामक युवक ने इकतरफ़ा प्यार के नाम पर अंकिता पर पेट्रोल छिड़ककर उन्हें आग लगा दी थी. दो दिन ज़िंदगी की जंग लड़ने के बाद 29 अगस्त को अंकिता की मौत हो गई.

बीजेपी के ये दोनों नेता अंकिता के परिवार से मिलने के लिए ही देवघर एयरपोर्ट पहुंचे थे. जहां से वे दुमका के लिए रवाना हो गए थे.

बीजेपी के दोनों नेताओं पर देवघर एयरपोर्ट पर ही नियमों को ताक़ पर रखने का आरोप लगा है.

क्या हैं आरोप?

देवघर के ज़िलाधिकारी मंजूनाथ ने ट्विटर पर विस्तार से उन मामलों का ज़िक्र किया है, जिनके तहत निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी समेत नौ लोगों पर एफ़आईआर दर्ज हुई है.

देवघर डीसी के ट्वीट के अनुसार, “देवघर एयरपोर्ट पर सुरक्षा मानकों के उल्लंघन और एटीसी बिल्डिंग के अन्दर बिना किसी अनुमति के यात्रियों के प्रवेश को लेकर उपायुक्त कार्यालय को पत्र मिला है.”

उन्होंने लिखा, “दिनांक 31.08.2022 को एक चार्टर्ड प्लेन दिल्ली से देवघर एयरपोर्ट लगभग 13:05 बजे पहुंचा. जहां इनको (निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी एवं अन्य) रिसीव करने के लिए अत्यधिक संख्या में लोग आए हुए थे.”

“इसके बाद उसी दिन शाम को लगभग पांच बजकर 25 मिनट पर चार्टर्ड प्लेन के यात्री और उनको विदा करने के लिए बड़ी संख्या में लोग एयरपोर्ट पहुंचे. सभी यात्रीगण चार्टर्ड प्लेन के अन्दर चले गये और प्लेन का दरवाज़ा बंद किया गया. उसके कुछ देर बाद प्लेन का दरवाज़ा खुला और उसके पायलट एटीसी के तरफ चले गये.”

ट्वीट में लिखा गया है, “सामान्य तौर पर शाम साढ़े पांच बजे तक ही यहाँ से विमानों का संचालन किया जाता है. देवघर एयरपोर्ट पर रात में टेक-ऑफ़ करने या लैंडिंग की सुविधा अभी तक उपलब्ध नहीं है.”

डीसी देवघर ने लिखा है कि क्योंकि ये सुविधा उपलब्ध नहीं है इसलिए लो-विज़िबिलिटी और ख़राब मौसम की स्थिति में एयरक्राफ़्ट को एटीसी क्लीयरेंस देना संभव नहीं था. डीसी देवघर का आरोप है कि बावजूद इसके चार्टर्ड प्लेन के पायलट और यात्रियों ने एटीसी के कर्मियों पर क्लीयरेंस देने का दबाव बनाया था.

डीसी देवघर ने निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी और उनके साथ मौजूद लोगों पर एटीसी के कर्मचारियों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है.

उन्होंने लिखा है, “इसी बातचीत के दौरान एटीसी कर्मियों द्वारा मोबाइल पर क्लीयरेंस के लिए बात हो रही थी. इसके बाद उन्हें क्लीयरेंस मिल गई. इसके थोड़ी देर बाद पायलट और यात्री दोबारा चार्टर्ड प्लेन के अन्दर गए और इसके बाद चार्टर्ड प्लेन टेक-ऑफ़ कर गया.” ट्विटर वार चालू है। देखना यह होगा कि अब आगे होता क्या है।

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