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जगद-गुरु-कुलम रायपुर कार्यालय एवं ज्योतिर्मठ के आईटी सेल कार्यालय का भव्यता के साथ जगतगुरु शंकराचार्य ने किया शुभारंभ-
रिपोर्ट- संजय शेखर, छःत्तीसगढ़
रायपुर– भारत को विश्वगुरू व अखण्ड बनाने की दिशा में धर्म जागरण व वेद-वेदांग नीति मूलक शिक्षा की अति महत्ता है.इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए आधुनिक शिक्षा में पुरातन पद्धति का समावेश कर बच्चों को प्रखर व प्रकांड विद्वान बनाने हेतु जगदगुरुकुलम की स्थापना की जा रही है.जिसका आई टी सेल कार्यालय शंकराचार्य आश्रम रायपुर में स्थापित किया गया है.सोमवार को कार्यालय का विधिवत मंत्रोच्चार कर शुभ संवत्सर में शुभारंभ किया गया.
कार्यालय का शुभारंभ उत्तरामनाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद जी व द्वारिकपीठाधीश्वर स्वामी श्री सदानन्द जी महराज के कर कमलों से सम्पन्न हुआ.मंत्रोच्चार करते हुए दिव्य शंखनाद से आश्रम परिसर गुंजायमान हुआ.साथ ही साथ आश्रम में बने तीन नए मंदिरों की भी प्राणप्रतिष्ठा हुई.जिसमे हनुमान जी,कालभैरव व शनि देव व चौसठ योगिनीयों के विग्रह की प्राणप्रतिष्ठा पूज्य स्वामी श्री द्वय ने किया.हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालु इस आयोजन के साक्षी बने.
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जगदगुरुकुलम क्या है क्यों है इसकी आवश्यकता-
जैसा हम सभी जानते हैं कि भारत पूर्व काल मे अखंडता के साथ ही विश्वगुरु की दीप शिखा से शुशोभित रहा.पुरातन कालों में भारत मे ऐसे विद्यालयों का बहुत महत्व था,जहां विद्यार्थी अपने परिवार से दूर गुरु के परिवार का हिस्सा बनकर शिक्षा प्राप्त करते थे.उस वक्त की शिक्षा मानव जीवन के उद्देश्य परक हुआ करती थी जिसमे वेद-वेदांग,नीति निर्धारण,शस्त्र-शास्त्र के साथ ही जीवन के चारों सोपानों की शिक्षा दी जाती थी जिससे छात्र अपने जीवन मे कठिन से कठिन विषम परिस्थितियों में भी विचलित न होकर उसका सामना करता था,और अपनी संस्कृति,सभ्यता और धर्म के साथ ही बिना अवसाद ग्रस्त हुए मानव जीवन के धर्म व अपने राष्ट्र के प्रति सम्मान रखता था. तब भारत अखण्ड व समृद्धशाली था,उस वक्त शिक्षा का बाजारीकरण नही था. लेकिन आज की शिक्षा जीवन मे अधीरता,कुंठा,पाश्चात्य कुसंस्कृति और अपराध को जन्म दे रही है,विखंडित समाज को जन्म दे रही है.इसके पीछे लार्ड मैकाले की कुटिल अंग्रेजियत चाल छुपी है.इसी कु-पोषित अंग्रेज़ी शिक्षा को वैदिक सु-पोषित राष्ट्रीय शिक्षा से ओतप्रोत कर बच्चों को प्रखर व प्रकांड बनाने की दिशा में विशेष गुरुकुलों की स्थापना की जा रही है.जिसकी कल्पना ब्रह्मलीन द्वय पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज ने की थी.उनका कहना था कि ऐसे गुरुकुल का निर्माण हो जिसमें शिक्षा के साथ बच्चों को जीवन जीने की कला,बुजुर्गों की सेवा,गौ-संवर्धन और प्रकृति प्रेम की शिक्षा भी दी जाए,ताकि गुरुकुल से निकलकर बच्चे जीवन के हर मार्ग पर सफल रहें और उनकी शिक्षा राष्ट्र उन्नति में भी सहायक हो.जगदगुरुकुलम उसी का एक रूप है जहाँ हजारो बच्चों के पढ़ने की व्यवस्था की जाएगी. अपने आप मे अनोखा यह गुरुकुल शिक्षा जगत में नई प्रविष्टियों के साथ कौतूहल का भी विषय है.
अबोध बालक को प्रकांड विद्वान बनाने गुरुकुलम की स्थापना
जगदगुरुकुलम के बारे में जानकारी देते हुए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि जगदगुरुकुलम से अधूरा नहीं बल्कि समग्र ज्ञान का पूर्ण शिक्षित जीवन मिलेगा,जहां अपनी भारतीय संस्कृति,संस्कार,सभ्यता और आध्यत्मिक कल्याण के परमार्थ भाव का प्रकटीकरण होगा तथा भारत मे दिव्यता दिखाई देगी.हम एक अबोध बालक को प्रकांड विद्वान बनायेगे जो विवेकानंद के भारत को आल्हादित करेगा और अखण्ड भारत का निर्माण कर भारत को विश्वगुरु बनाने में सहायक होगा.
जगदगुरुकुलम में हजारों बच्चों को शिक्षित व संस्कारित किया जाएगा.यह गुरुकुल ब्रह्मलीन जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज की प्रेरणा का प्रसाद है जो स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने पूर्ण करने का शंखनाद किया है.इस गुरुकुल में एक छात्र के साथ एक बुजुर्ग और गाय को भी रखने की योजना है.जिससे पूर्व अनुभव व वर्तमान की ऊर्जा के साथ हमारी धरोहरों को सहेजने का सन्देश भी लोगों को मिले और नई पीढ़ी को अपने बुजुर्गों के प्रति आदर सम्मान का भान भी होता रहे.गौ संरक्षण व प्रकृति प्रेम का भी अनूठा संगम इस गुरुकुलम में देखने को मिलेगा.देश विदेश में इसकी अनूठी मिसाल पेश की जाएगी जिससे भारत को पुनः विश्वगुरु बनने में सार्थकता मिल सकेगी.
आई टी सेल कार्यालय से मिलेगा यह लाभ-
ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने कार्यालय के उदघाटन के दौरान कहा कि आई टी सेल से अब वह सभी जानकारी प्राप्त हो सकेगी जो लोगों को चाहिए होगी.आजकल सोशल मीडिया का जमाना है अतएव देश विदेश के लोगों को भी इस माध्यम से जोड़कर उन्हें मठ व आश्रम के कार्य गतिविधि व आयोजनों से अवगत कराया जाएगा. आई टी सेल प्रभारी एम एम उपाध्याय ने बताया कि,गुरु जी से संबधित व सनातन धर्म व ज्योतिर्मठ से संबंधित हर अपडेट लोगों तक सोशल मीडिया के माध्यम से पहुंचाने का दायित्व हम निभाएंगे और अधिक से अधिक लोगों को धार्मिक महत्व से लाभान्वित होने का अवसर प्राप्त होगा.
उदघाट्न के समय ये रहे उपस्थित-
कार्यालय उदघाट्न के दौरान द्वय शंकराचार्य द्वय उत्तरामनाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज एवं शारदा द्वारिकपीठाधीश्वर स्वामी श्री सदानन्द सरस्वती जी महाराज,राजराजेश्वरी सेवा ट्रस्ट कोलकाता के अध्यक्ष सुबुद्धानंद जी, ज्योतिर्मठ के सीईओ चंद्र प्रकाश उपाध्याय, श्री शंकराचार्य आश्रम रायपुर के प्रभारी ब्रह्मचारी डॉ श्री इंदुभवानंद जी महाराज,छःत्तीसगढ़ शासन के कैबिनेट मंत्री रविन्द्र चौबे,विधायक सत्यनारायण शर्मा, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल,रायपुर महापौर एजाज ढेबर,बृजमोहन उपाध्याय,पूर्व महापौर प्रमोद दुबे एवं आई टी सेल प्रभारी सीए एम एम उपाध्याय सहित सैकड़ों भक्तगण उपस्थित रहे.