रायपुर– छःत्तीसगढ़ में बढ़ते भ्रष्टाचार को देखते हुए सरकार की अस्थिरता अब चर्चा का विषय बन गया.मंगलवार को कांग्रेस पार्टी की प्रदेश प्रभारी के अचानक रायपुर पहुंचने से कांग्रेसी नेताओं व मंत्रियों में खलबली मच गई है.आनन फानन में राज्य के बड़े नेता मुख्यमंत्री आवास बुला लिए गए.इस बीच प्रभारी कु.शैलजा का अचानक राज्य में दस्तक देना चिंता का कारण भी बना हुआ है तो वहीं यह भी चर्चा होने लगी कि लगता है चुनाव के पहले ही मुख्यमंत्री बदल दिए जा सकते हैं.इसकी वजह प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर लगातार घोटाला करने का लगता दाग मानी जा रही है.हाल ही में सरकार पर 2000 करोड़ रुपये का घोटाला किये जाने का खुलासा ईडी ने किया,जिसमे कई दिग्गजो का नाम शामिल है जो ईडी के गिरफ्त में हैं.
कोयला घोटाला और शराब घोटाले ने मौजूदा सरकार की नियति पर सवाल खड़ा कर दिया है.ईडी का लगातार कसता शिकंजा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक बढ़ता दिख रहा है,जिसका जिक्र खुद मुख्यमंत्री ने भी किया है.इसी कारण पार्टी में खलबली मची हुई है और राज्य की राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई है.भारतीय जनता पार्टी लगातार विरोध प्रदर्शन कर सरकार को आड़े हाथों लिया है.पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता रमन सिंह ने तंज कसते हुए हमला बोला है कि मुख्यमंत्री को अब इस्तीफा दे देना चाहिए अन्यथा ऐसी सरकार को बर्खास्त कर देना ही उचित होगा. उन्होंने कहा कि शराब बंदी का वादा करने वाली सरकार ने ताबड़तोड़ शराब का फैलाव किया और अवैध शराब बेच कर सैकड़ों करोड़ रुपये डकार गई.जिसकी सच्चाई छःत्तीसगढ़ की जनता के सामने आ चुकी है.कयास यहां तक लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस की साख प्रदेश में धूमिल होते देख अब टीएस बाबा को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.आगामी कुछ महीने बाद राज्य में विधानसभा चुनाव भी है.कर्नाटक चुनाव के बाद छःत्तीसगढ़ चुनाव के मद्देनजर तैयारी को लेकर कसावट होने की चर्चा भी गर्म है.पार्टी की प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा का अचानक दौरा पार्टी के लिए कई आशंकाएं पैदा करती दिख रही है.
इधर भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई ने भूपेश बघेल सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “गौठान” को लेकर पोल खोल अभियान का शुभारंभ भी कर दिया है.परत दर परत कांग्रेस सरकार घिरती जा रही है जिससे जनता के मानस पटल पर वादा खिलाफी और भ्रष्टाचार वाली सरकार की छाप डालने बीजेपी पुर जोर कोशिश में लगी है.ऐसे मौके पर कांग्रेस क्या फैसला करती है,कुमारी शैलजा क्या फरमान सुनाएगी यह तो मीटिंग खत्म होने के बाद ही पता चलेगा,लेकिन कयासों की बात करें तो सीएम भुपेश बघेल के मंत्रिमंडल में फेरबदल और संगठनात्मक बदलाव के संकेत मिल रहे हैं.राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो, बिहार के चारे घोटाले से ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है शराब घोटाला.गोबर,गौमूत्र और गौठान पर भी सरकार को आड़े हाथों लेने भाजपा की रणनीति भी आक्रामक देखी जा रही है.चुनावी सरगर्मी के बीच किये जा रहे तथाकथित अन्य फर्जीवाड़े भी कांग्रेस सरकार के लिए मुश्किल कदम साबित हो सकते हैं.सभी मंत्री बैठक में बुलाये गए हैं,सीएम आवास पर चल रही है बैठक.बाहर कयासों के बाजार भी गर्म हैं और सियासत भी देखना होगा कि आगे क्या नतीजा निकल कर आता है.