
भिलाई– भिलाई नगर निगम में नै सरकार के गठन को १८ माह हो गए लेकिन समस्याओं से निजात शवरदवासियों को नहीं मिल पाया है. कई वार्डों में विभिन्न प्रकार की समस्याएं सुरसा की तरह मुंह बाये खड़ी हैं,यह कहना है बीजेपी पार्षद व भिलाई निगम प्रतिपक्ष उपनेता दया सिंह का। इन समस्याओं की सूचि बनाकर नेता प्रतिपक्ष ने भाजपा पार्षदों के साथ निगम पहुंचकर निगम आयुक्त को सौंपा है. जिसमे १८ अलग अलग बिंदुओं पर समाधान हेतु ध्यान आकृष्ट कराया गया है. समाधान नहीं किये जाने पर जंगी प्रदर्शन किये जाने की चेतावनी भी पार्षद दया सिंह ने दी है.
विभिन्न वार्डों में कई समस्याएं हैं जिनका कोई समाधान अभी तक नहीं हो पाया-

दया सिंह ने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि चिन्हांकित समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो आगामी ६ जून को उग्र प्रदर्शन किया जायेगा.शहर सरकार को विफल बताते हुए बीजेपी युवा नेता ने कहा कि,वार्डों में समस्याएं इस कदर व्याप्त हैं की छोटी छोटी समस्याओं के लिए भी लोगों को भटकना पड़ रहा है. उन्होंने आरोप लगाया है की, गर्मी में वार्डों में पेयजल संकट गहरा गया है, अंदरूनी सड़कों का बुरा हाल है तथा स्ट्रीट पोलों पर लाइटें नहीं हैं. बड़ा प्रश्न खड़ा करते हुए दया सिंह ने कहा की कांग्रेस की निगम सरकार बीते १८ महीनों में वार्ड की समस्याओं पर कोई बात नहीं की और न ही इस संबंध में कोई बैठक व कार्ययोजना बनाई है. उपनेता विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि,भिलाई निगम में १८ प्रतिशत कमीशन खोरी का खेल चल रहा है,निगम प्रशासन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है और १८ प्रतिशत कमीशन पर काम दिया जा रहा है. इस आधार पर शहर सरकार को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देने की बात भी दया सिंह ने की है. उन्होंने कह की १८ माह में १८ बड़ी समस्याएं इसलिए व्याप्त हैं क्योंकि भिलाई नगर निगम में १८ प्रतिशत के कमीशन का खेला हो रहा है.यदि स्थिति में सुधार नही हुआ तो 6 जून को निगम घेराव व हल्ला बोल भी करने को तैयार हैं बीजेपी पार्षद.

टाउनशिप के आलावा अन्य इन वार्डों में हैं समस्याएं-
समस्याओं की चिन्हांकित सूचि को दिखाते हुए निगम बीजेपी पार्षद ने बताया कि,यदि टाउनशिप को छोड़ दें तो, शहर के अन्य इलाकों जैसे खम्हरिया,कोहका,कुरुद,वैशाली नगर,कैंप, छावनी, और खुर्सीपार में पेयजल संकट गहरा गया है.इन वार्डों में टैंकर से पानी सप्लाई करनी चाहिए और कार्य योजना बनाकर काम करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि,शहर की सफाई का खर्चा तो बढ़ गया लेकिन सफाई व्यवस्था नहीं सुधरी. सफाई कर्मियों की हित की बात करते हुए दया सिंह ने कहा कि सफाई कार्य में लगे मजदूरों के साथ निगम प्रशासन शोषण कर रहा है,मजदूरों का ईपीएफ व ईएसआई नहीं काटा जा रहा है. भ्रष्टाचार को लेकर तंज कस्ते हुए दया सिंह ने कहा की,शहर के निर्माण कार्यों में लगातार भ्रष्टाचार की शिकायतें हैं,सेक्टर ७ स्पोर्ट काम्प्लेक्स मामले में अभी तक जांच रिजरत का पता नहीं चला पाया है,और न ही संबंधित के खिलाफ कोई करवाई ही हुई है.
प्रापर्टी टैक्स में भेदभाव क्यों,मुलभुत सुविधाओं के लिए अलग से बने सेल-

जनहित के मुद्दों को उठाते हुए उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि चेहरा देखकर निगम काम कर रहा है.बड़े उद्योगपतियों को प्रापर्टी टैक्स में राहत दी जा रही है,लेकिन शहर के जो गरीब व् श्रमिक इलाकों में गरीब जनता रह रही है उन्हें इसकी छूट नहीं दी जा रही है,उन्हें भी उसी तरह से प्रापर्टी टैक्स में छोट देनी होगी जो उद्योगपतियों को निगम दे रहा है.वहीं,सड़क नाली,सफाई और पानी जैसे मूलभूत विषयों पर अकाम करने के लिए अलग सेल बनाये जाने की मांग की है जिसमें भाजपा पार्षदों को भी रखा जाय.
आयुक्त को ज्ञापन सौपने वालों में दया सिंह के साथ ही पार्षद सचेतक बिना चंद्राकर, महेश वर्मा, रिकेश सेन, भोला प्रियंका साहू, राकेश गिरिजा बंछोर,इस्मिता दोडके, नोहर वर्मा, ईश्वरी नेताम, सरिता बघेल, शकुंतला साहू, राजू सेलजा, लक्ष्मी दिवाकर, सरिता देवी जायसवाल, विनोद चेलक व चन्देश्वरी बघेल मौजूद रहे.