गंगा में आई अचानक बाढ़ से हनुमान जी का हुआ स्नान : क्षेत्रवासी बारिश की बूंदों को तरस रहे,इधर गंगा में आ गई अचानक बाढ़
प्रयागराज के लेटे बड़े हनुमान जी को माँ गंगा ने कराया स्नान,कोटा बैराज से 9 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के कारण गंगा में आई बाढ़, इधर बारिश की बूंदों को तरस रहे किसान
प्रयागराज – सब ईश्वर की माया है कहीं धूप तो कहीं छाया है। प्रयागराज में यदि मानसून की बात करें तो यहां लगता है इंद्रदेव रूठ गए हैं। भरी उमस और गर्मी से त्रस्त लोग बारिश की बूंदों कद लिए तरस रहे हैं। उधर गंगा में बाढ़ आ गई है। यह बाढ़ प्रयागराज की बारिश से नहीं बल्कि कोटा बैराज से छोड़े गए 9 लाख क्यूसेक पानी से आई है। गुरुवार की रात करीब 11.30 बजे बंधवा में लेटे बड़े हनुमान जी के मंदिर में गंगा का जल हनुमान जी को नहलाने उतर आया। मन्दिर के महंत बालगिरी महराज ने माँ गंगा का विधि विधान से पूजन आरती कर इसे हर वर्ष की भांति हनुमान जी का स्नान व माँ गंगा का स्नेह मिलन बताते हुए हनुमान जी के महात्म्य का बखान किया।
गंगा यमुना इस वक्त उफान पर हैं। जिला प्रशासन इसको लेकर एलर्ट है। तट को पूर्णतया खाली करा कर ,सुरक्षा की दृष्टि से 99 चौकियों की तैनाती की है। तटवर्ती बस्तियों को खाली कराकर सुरक्षा प्रदान की जा रही है। बाढ़ को देखते हुए कछार एरिया की निगरानी करते हुए वहां से लोगों को हटाया गया है। नैनी,छोटा बघाड़ा,दारागंज,शिवकुटी, झूंसी के निचली बस्तियों पर पुलिस व गोताखोरों की तैनाती कर दी गई है। जिस सड़कों पर लगातार गाड़ियां दौड़ती थीं,अब वहां जल का बहाव है।
वहीं,यदि बात इलाकाई गावों की करें तो किसानो में मायूसी है। किसानों के धान की फसल सूख रही है। भरे भादों में धूल उड़ रही है। किसान मन से मना रहे हैं कि बारिश हो जाये,लेकिन बून्द है कि गिरती ही नही। उमस व गर्मी से जनता हलाकान है। कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भी है। कहा जाता है कि भादों महीने में जब श्री कृष्ण भगवान का अवतरण हुआ था तब मूसलाधार बारिश हो रही थी,लेकिन इस बार धूल उड़ रही है,पसीने निकल रहे हैं। प्रयागराज में कहीं भी बारिश नही हो रही है। एक तरफ बाढ़ तो एक तरफ सुखाड़ दोनों देखने को मिल रहा है। हालांकि सिद्ध लेटे बड़े हनुमान जी को गंगा मैया ने नहला दिया है,उम्मीद है कि अब कुछ हरि कृपा हो जाए.