रुला के चला गया सबको हंसाने वाला-कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव की मौत.मोदी-योगी सहित लोगों ने जताया दुःख
राजू श्रीवास्तव ने 58 साल की उम्र में दिल्ली एम्स अस्पताल में ली अंतिम सांस,हार्ट अटैक से हुई मौत.
बिछड़ा कुछ इस अदा से कि रुत ही बदल गई,इक शख्स सारे शहर को वीरान कर गया !
खालिद शरीफ, का यह शेर,आज याद आ रहा है,वाकई इक शख्स ने हंसती दुनिया को वीरान कर चला गया। सबको अपनी अदा और आवाज की दम पर लोट पोट कर देने वाले लाफ्टर कॉमेडियन किंग “गजोधर भइया”यानी राजू श्रीवास्तव अब नही रहे,इस दुनिया से अंतिम विदाई ले ली है।
लोकप्रिय कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव अब नही रहे। 58 साल की उम्र में अंतिम सांस दिल्ली के अस्पताल एम्स में ली। पिछले 40 दिनों से अस्पताल में वेंटिलेटर के सहारे सांसे गिनने वाले राजू की सांस 21 सितंबर बुधवार को बन्द हो गई,राजू श्रीवास्तव जो कि कॉमेडियन किंग के रूप में गजोधर भइया के नाम से लोकप्रिय रहे,उनकी अब मौत हो गई है।
राजू श्रीवास्तव को 10 अगस्त को उस वक्त दिल का दौरा पड़ा था,जब वह दिल्ली के एक होटल में एक्सरसाइज के दौरान ट्रेड मिल पर दौड़ रहे थे,तभी उनके सीने में दर्द हुआ और गिर पड़े थे,उसके बाद से ही अस्पताल में भर्ती हुए थे,अब उनका निधन हो गया। उनके निधन के बाद उनके परिवार में पत्नी शिखा,एक बेटा और एक बेटी हैं।
शॉर्टकट-
- उत्तरप्रदेश कानपुर के मूल निवासी.
- 10 अगस्त को पड़ा था दिल का दौरा,दिल्ली में एम्स अस्पताल में थे 40 दिनों तक भर्ती.
- 80 के दशक में अभिनय की दुनिया मे रखा कदम.
- 2005 में लाफ्टर चैलेंज से मिली शोहरत.
- बिग बॉस सीजन 3 के भी थे पार्टिसिपेंट्स
- 2013 में अपनी पत्नी के साथ नच बलिए में कॉमेडी का महामुकाबला.
- राजनीति में भी आजमाई थी किस्मत,2014 में रखा था सपा के साथ पहला कदम बाद में बीजेपी में हुए शामिल
गजोधर भइया के किरदार में काफी लोकप्रिय हुए,राजू श्रीवास्तव इस किरदार के माध्यम से आम भारतीयों के जीवन से जुड़े पहलुओं को उठाते थे जिन पर हर कोई हंसने के लिए मजबूर हो जाता था.
छोटे पर्दे का बड़ा नाम राजू श्रीवास्तव – अस्सी के दशक में राजू श्रीवास्तव ने अभिनय की दुनिया मे कदम रखा था। धीरे धीरे इस रुपहले पर्दे में राजू का कद बढ़ता चला गया। उन्हें सबसे ज्यादा शोहरत छोटे पर्दे में मिली जब वे 2005 में “द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज” में हिस्सा लिया।
सियासत में भी थी आजमाइश –
कॉमेडी की दुनिया मे शायद सबसे ज्यादा नाम अमिताभ बच्चन की मिमिक्री करके ही मिला. राजू श्रीवास्तव का नाम सियासत से भी जुड़ा रहा,2014 में कानपुर से ही समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ने की सुर्खियां चली थीं,लेकिन स्थानीय समर्थन न मिल पाने की वजह से कामयाबी नही मिली,उम्मीदवार नही बनाये जा सके थे। तब उन्होंने सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक,दी श्रद्धांजलि-
राजू श्रीवास्तव के निधन पर पीएम मोदी ने शोक जताते हुए कहा कि-“उन्होंने हमारे जीवन मे ठहाकों,हास्य और सकारात्मकता की खुशियां भर दीं.वे बहुत जल्दी चले गए,मगर अपने काम से अनगिनत लोगों के दिलों में बरसों तक बसे रहेंगे”.
Raju Srivastava brightened our lives with laughter, humour and positivity. He leaves us too soon but he will continue to live in the hearts of countless people thanks to his rich work over the years. His demise is saddening. Condolences to his family and admirers. Om Shanti. pic.twitter.com/U9UjGcfeBK
— Narendra Modi (@narendramodi) September 21, 2022
राजू श्रीवास्तव ने फिल्मों में भी काम किया था.उन्होंने “मैंने प्यार किया”,बाजीगर, और “आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया” जैसी फिल्मों में भी नजर आए.वे उत्तरप्रदेश के फ़िल्म विकास परिषद के चेयरमैन थे.
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने व्यक्त की संवेदना
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजू श्रीवास्तव के निधन पर कहा है- “अपनी अभिनव कला दक्षता द्वारा जीवनपर्यन्त सभी का मनोरंजन करने वाले श्री राजू श्रीवास्तव जी का निधन अत्यंत दुखद है,शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना करता हूँ.
अपनी अभिनव कला दक्षता द्वारा जीवनपर्यंत सभी का मनोरंजन करने वाले श्री राजू श्रीवास्तव जी का निधन अत्यंत दुःखद है।
शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना करता हूं।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 21, 2022
श्री राजू श्रीवास्तव जी को ईश्वर सद्गति प्रदान करें, यही प्रार्थना करता हूं… pic.twitter.com/MR8YTpoyMW
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 21, 2022
राजू श्रीवास्तव का असली नाम सत्यप्रकाश था.वे मूलतः उत्तरप्रदेश के कानपुर के रहने वाले थे.उनके प्रसंशकों में काफी उदासी व वीरानी छाई है,उनको जमाना सुन रहा था अब लोग राजू श्रीवास्तव को महज यादों में रखेंगे और उनकी आवाज यूटुयब,फेसबुक और गूगल में तलाशेंगे, पर राजू श्रीवास्तव याद तो बहुत ही आएंगे।
राजू श्रीवास्तव के लिए साकिब लखनवी का यह शेर बतौर श्रद्धांजलि समर्पित है-
जमाना बड़े शौक से सुन रहा था,हमीं सो गए दास्तां कहते कहते..