साधन सहकारी समिति पथरा के अध्यक्ष पद पर भइयां का कब्जा,कांटे की टक्कर में जगनायक ने मारी बाजी

पथरा सहकारी समिति चुनाव में भइयां के जगनायक मिश्र चुने गए अध्यक्ष-
प्रयागराज– साधन सहकारी समितियों का चुनाव संपन्न हो गया . मेजा ब्लॉक में पथरा साधन समिति के अध्यक्ष जगनायक मिश्र को चुना गया है.चुनाव में भइयां निवासी जगनायक मिश्र ने अध्यक्ष पद जीता। यह चुनाव क्षेत्र में चर्चा का विषय बना रहा और कांटे की टक्कर में अंततः किसानों के पक्षधर और सरल स्वभाव के धनी जगनायक मिश्र को पथरा सोसायटी का अध्यक्ष चुना गया.

अपनी चुनावी सफलता का श्रेय क्षेत्र की ग्रामीण जनता, प्रबुद्ध किसानों और वंचित समाज के लोगों को देते हुए जगनायक ने कहा कि इन सभी की अपेक्षाओं पर शत-प्रतिशत खरा उतर सकूं, यही प्रयास रहेगा। उन्होंने कहा कि किसानों और प्रबुद्घ जनों के मार्गदर्शन में ग्राम विकास के प्रयासों को और गति देना व पथरा सहकारी समिति के कार्यकलापों को भी राज्य-देश स्तर पर अग्रणी स्थापित कर दिखाना हमारा प्रमुख लक्ष्य रहेगा।
जगनायक मिश्र की जीत पर क्षेत्रीय प्रबुद्ध पूर्व प्रधान पथरा लालजी मिश्र, पूर्व प्रधान नेवादा बाणीपति तिवारी, पूर्व प्रधान भइयां कौशलेश कुमार मिश्र, पूर्व अध्यक्ष सलिल तिवारी सहित जनसुनवाई फाउंडेशन (जनपंचायत अभियान) के जनपद प्रभारी अधिवक्ता विवेक सिंह रानू, मेजा विकासखण्ड प्रभारी राजकुमार मिश्र, राष्ट्रीय समन्वयक जयप्रकाश द्विवेदी,ममोली प्रधान जानकी देवी, कामता पाल,बृजनंदन पाल,राजनंदन पाल,जनसुनवाई अभियान संयोजक संजय शेखर मिश्र व अन्य सभी कार्यकर्ताओं ने बधाई दी। अध्यक्ष सहित उपाध्यक्ष और सभी नवनियुक्त निदेशकों कमला देवी, जगदीश, शिवकुमारी, चन्द्रमा पटेल, पूनम दिनेश पाण्डेय, सुरेश पाल को भी सभी ने बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
जनसुनवाई फाउंडेशन के राज्य प्रभारी अधिवक्ता कमलेश मिश्र ने कहा कि जगनायक मिश्र की यह चुनावी जीत इस बात का संकेत है कि ग्रामीण व्यक्ति और समाज अब अपने सकारात्मक, संतुलित व समेकित विकास के त्वरित प्रभावी साधनों, उपायों और उपचारों को चाह रहा है। हमारा प्रयास ऐसे विकल्पों की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है। क्षेत्रीय जनता हमसे इसकी तीव्र अपेक्षा भी रखने लगी है। उन्होंने कहा कि विगत पंचायत चुनावों में क्षेत्र की दो दर्जन से अधिक पंचायतों में ग्रामीण जन ने हमारे कार्यकर्ताओं को प्रधान पद पर आसीन किया। किंतु जनता का दायित्व यहीं पर समाप्त नहीं हो जाना चाहिए, वरन चुने गए प्रतिनिधि पर विकास के लिए हरसंभव दबाव बनाए रखना अत्यंत अनिवार्य है। तभी हम सिस्टम में व्याप्त जड़ता को तोड़ सकेंगे और अपने जनप्रतिनिधि को भ्रष्ट तंत्र से लड़ने की ताकत दे सकेंगे। पंचायती राज प्रणाली में ग्राम सरकार और स्वशासन मुख्य तत्व हैं, जबकि हो यह रहा है कि ग्रामीणों की उदासीनता के चलते सरकारी कागजी प्रणाली हावी बनी हुई है।