बजरंगी ने गदा तो घुमाया लेकिन कांग्रेस के पक्ष में.तो क्या अब कर्नाटक में बजरंग दल हो जाएगा बैन? कांग्रेस का हुआ कर्नाटक,रुझानों में हाथ मजबूत! लोगों ने जोड़ दिया हाथ से हाथ राहुल को मिला जनता का साथ.
कर्नाटक में बजरंग बली की गदा कांग्रेस के हाथ-भारत जोड़ो यात्रा की गूंज कर्नाटक में दिखाई दे गई..मोदी शाह की चाल पर राहुल प्रियंका की मार्मिक अपील पड़ गई भारी-
चुनावी परिणाम पर त्वरित टिप्पणी- आखिर कब तक सहती रहेगी जनता अनर्गल प्रपंच,राजनीतिक फायदे के लिए लोगों की आस्था को दांव पर लगाना उल्टा पड़ गया भारतीय जनता पार्टी को.चुनाव के एक दिन पहले जो बजरंग दल के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने वावजूद धारा 144 जबरन पूजा पाठ करने और हनुमान चालीसा का पाठ करने का हल्ला बोला उसे वह जनता को नागवार गुजरा.कर्नाटक में धारा 144 लगने के वावजूद भी रैली की शक्ल में सड़कों पर बाइक दौड़ाना और धार्मिक होने का आड़ लेना उस वक्त चुनाव आयोग मीडिया के कैमरे के सामने असहाय महसूस कर रहा थ,लेकिन परिणाम ने चुनावी परिणति को बदल के रख दिया है.जनता ने भाजपा को अब नकारना शुरू कर दिया है,यह कर्नाटक के चुनाव ने दिखा दिया.
कर्नाटक की किंग बनी कांग्रेस ने जनता के सामने वही रखा जो शायद जनता जनार्दन चाहती थी.इस चुनाव में राहुल गान्धी की “भारत जोड़ो यात्रा” और हाथ से हाथ जोड़ो अभियान सफल हुआ है,कर्नाटक की जीत उसी ओर इशारा कर रही है.पोपोगंडा से ऊब रही जनता ने यह राजनीतिक दलों को सबक दिया है कि झूठ बहुत दिन तक नही टिकता उसके लिए तो सच बोलना और करना पड़ता है.यदि कर्नाटक विधान सभा के नतीजों पर सीधी बात करें तो यह कांग्रेस की जीत उसकी जमीनी जुड़ाव की है,लेकिन भाजपा की हार नरेंद्र मोदी और अमित शाह की है.चुनाव के ऐन वक्त पर बजरंग बली और बजरंग दली पर दांव लगाना उल्टा पड़ गया. बीजेपी ने बजरंग बली के गदा को चलाने का मन्त्र तो पढा लेकिन माला शायद उल्टा जप ली गई और संकल्प भी विपक्ष के सदबुद्धि और जीत के रहे.जिसका परिणाम कांग्रेस के लिए सार्थक व सकारात्मक ऊर्जा के साथ दिख रहा है.भाई,बजरंग बली तो कांग्रेस के भी हैं और भाजपा के भी,सभी के बजरंगी ने गदा चला कर दिखा दिया कि हमे गलत काम मे यदि उलझोगे तो मुश्किल में पड़ जाओगे.
हालांकि सत्ता के विरुद्ध संघर्ष रहता है.जन भावना का रुख भी बदलाव की ओर था.अब ट्रेंड में बदलाव करना पड़ेगा.जबरदस्ती करके आप चुनाव नही जीत सकते और न ही जनता का दिल.भाजपा यदि अब ट्रेंड में परिवर्तन नही की तो शायद यूपी छोड़कर अन्य जगहों पर उल्टा नतीजा ही पाएगी.छःत्तीसगढ़ में भी जो आलम चल रहा है,कहीं ऐसा न हो कि यहां भी बची खुची सीटें भी कांग्रेस के खाते में चली जाए. भूपेश बघेल को जनता अपना नजदीकी मुख्यमंत्री मानती है.इसीलिए भूपेश मंत्रिमंडल में कोई भी मंत्री बाहर का नही है,लगभग सभी मंत्री छत्तीसगढ़ी ही हैं.सीएम भूपेश मानते हैं कि कर्नाटक का नतीजा वही निकल रहा है जो कांग्रेस ने उम्मीद की थी.अब बजरंग बली की गदा चलेगी लेकिन बजरंग दल बैन होगा यह कथन है कर्नाटक के कांग्रेसी जनप्रतिनिधि का.कांग्रेस अपने मेनिफेस्टो में अडिग रहती है तो बजरंग दल के उपद्रव पर कंट्रोल कर्नाटक में कांग्रेस की बनने वाली सरकार कर सकती है.