आज रायपुर में अमित शाह : हड़ताली कर्मचारियों का भाजपा को मिलेगा साथ या फिर भूपेश सरकार करेगी उनकी मांग पूरी?2023 में बदलाव के कारण बनेंगे लाखों कर्मचारी.
अमित शाह केंद्रीय गृहमंत्री भारत सरकार का आगमन रायपुर में हो रहा है। सियासी समीकरणों पर लोगों की निगाहें।संगठन की बैठक लेकर कार्यकर्ताओं को करेंगे रिचार्ज.
आज रायपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह,उद्घाटन,विमोचन के साथ सियासत भी,मिल सकते हैं,कर्मचारी फेडरेशन के पदाधिकारियों से.
रायपुर– “सैंया तो खुबई कमात हैं,मंहगाई डायन खाय जात है”.यह रघुवीर यादव की गीत छत्तीसगढ़ में कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन की आवाज बनकर धरना प्रदर्शन जारी है। लगभग 4 लाख कर्मचारी विभिन्न विभागों के हैं,जो अलग अलग जगहों पर पूरे राज्य में हड़ताल पर बैठे हैं। कार्यालयों के काम काज ठप्प पड़े हैं। जिला कार्यालयों में वीरानी छाई हुई है। कर्मचारियों की माने तो उनकी 2 प्रमुख मांगे हैं जो DA और HRA में बढोतरी को लेकर है।
हालांकि पूर्व में इस हड़ताल को देखते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंहगाई भत्ता 6 प्रतिशत बढ़ा दिया है।लेकिन बात नही बन पाई। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मांग 34 प्रतिशत को लेकर है। 12 प्रतिशत डी ए और 34 प्रतिशत एच आर ए। फेडरेशन का कहना है कि जब केंद्र सरकार ने मंहगाई भत्ता के साथ अन्य सुविधाओं को बढ़ा दिया है,अन्य राज्यों में यह कर्मचारियों के हित में लागू है तो फिर हमारे यहाँ राज्य सरकार हमारे साथ अन्याय क्यों कर रही है।
गौरतलब बात यह है कि,कर्मचारी संगठनों ने कहा कि,कर्मचारियों व किसानों के बल पर भी भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने हैं,कांग्रेस सरकार बनी है। और अब सरकार बनने के बाद वादा खिलाफी की जा रही है। दुर्ग में शिक्षा,स्वास्थ्य व सिंचाई विभाग के जिला अध्यक्षों ने कहा कि भूपेश ने पहले ही वादे किए थे कि पहले साल हम किसानों को लाभ देंगे और दूसरे साल कर्मचारियों की मांगों को पूरा करेंगे लेकिन लगभग 4 साल पूरा होने को है अभी तक सरकार ने हमारी मांगे पूरी नही की है। स्वास्थ्य विभाग का आरोप है कि,स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने कोरोना काल के विषम दौर में भी लगातार ड्यूटी की,कई चिकित्सकों व कर्मचारियों की जान चली गई लेकिन सरकार ने उस वक्त जो भी कहा न तो उसे पूरा की और न ही हमारी मांगों को पूरा कर रही है। हड़ताल कब तक जारी रहेगा के सवाल पर फेडरेशन ने कहा कि जब तक हमारी दो सूत्रीय मांगे पूरी नही हो जाती,हम हड़ताल पर बैठे रहेंगे।
इधर,सरकार ने अल्टीमेटम भी दे दिया है और जिला कलेक्टरों को वैकल्पिक व्यवस्था बनाने हेतु निर्देशित किया है। लेकिन जनसाधारण का कार्य प्रभावित हो रहा है। करोड़ों का नुकसान भी हो रहा है। राजस्व,स्वास्थ्य,शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण कार्य बाधित हो रहे हैं।
राजनीतिक बदलाव की भी है संभावना– फेडरेशन की माने तो उनका कहना है कि जब केंद्र सरकार ने मंहगाई भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों का बड़ा सकता है तो राज्य सरकार उसका लाभ हमें क्यों नही दे रही है। भाजपा सरकार केंद्र से राहत प्रदान करती है और इधर कांग्रेस की भूपेश सरकार उसका लाभ कर्मचारियों को नही दे रही है,अतएव आने वाले चुनाव में इसका खामियाजा भी भूपेश सरकार को भुगतना पड़ेगा। लगभग 100 से ज्यादा संगठन हड़ताल में बैठे हैं। इसका फायदा यदि भाजपा उठाती है तो 2023 में सरकार बनाने में उसे बड़ी मदद मिल सकती है।
आज अमित शाह रायपुर में मिल सकते हैं हड़ताली फेडरेशन के जिम्मेदारों से– सूत्रों की माने तो आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एन आई ए के नई बिल्डिंग का उद्घाटन करने रायपुर आ रहे हैं।
ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि फेडरेशन के पदाधिकारियों से भी मुलाकात होगी। यदि मुलाकात होती है तो लगभग 4 लाख कर्मचारियों की मांगों को लेकर अमित शाह कुछ उलट फेर करने में विचार निश्चित तौर पर कर सकते हैं। विकल्प व अवसर की तलाश में हमेशा चौकन्ना रहने वाले अमित शाह आगामी राजनीतिक पारी को लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी फेडरेशन के साथ तालमेल बिठा सकते हैं। उनका रायपुर दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जो राज्य की मौजूदा सरकार के लिए ठीक नही होगा। हालांकि सरकार की नजर इस मामले को लेेेकर पैनी है।