रायपुर – छत्तीसगढ़ विधान सभा मे मानसून सत्र का आज तीसरा दिन था। सदन की शुरुवात नवनिर्वाचित राष्ट्र की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनने पर बधाई देकर हुई ,मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बधाई दी साथ ही साथ नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी नयनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु को बधाई व शुभकामनाएं दिया। मानसून की ही तरह गर्मी का तेवर सदन में भी दिखा ,नोक झोंक के बीच मुद्दे उठते रहे। विपक्ष प्रश्न दागता रहा और सत्ता पक्ष उसका उत्तर देने मुंह खोलता रहा,लेकिन शोर शराबे के बीच सदन की कार्यवाही चलती रही। आइये जानते हैं कि सदन में क्या क्या किन मुद्दों पर चर्चा हुई-
मौसम खेतीबाड़ी का है। किसानी का है और विधानसभा में भी सत्र मानसून का । नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने शिक्षाकर्मियों के वेतन विसंगतियों को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कर्मचारियों के डीए को 22 प्रतिशत बढ़ोतरी करने तथा पंचायत व मनरेगा कर्मचारियों के वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को घेरते हुए वादाखिलाफी का आरोप लगाया और कहा कि घोषणा पत्र को पूरा न करना,जनता के साथ वादा खिलाफी करना है। धरमलाल कौशिक ने सदन में कहा कि जो कमेटी बनाई जाती है उस पर प्रतिवेदन अब तक क्यों नही दिया गया। जनता के साथ किये गए वादे को सरकार क्यों भूल गई। इस पर पलटवार करते हुए मंत्री शिवडहरिया ने कहा कि , “भाजपा ने 2003,2008 और 2014 में जो घोषणा की थी उसका क्या हुआ” ?
धान खरीदी व कस्टम मिलिंग पर सरकार घिरती नजर आई- नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार से पूंछा कि अप्रैल 2019 से लेकर 2022 तक कुल कितने की धान खरीदी हुई है? कितना भुगतना किया गया तथा इसमे राज्य सरकार व केंद्र सरकार का कितना पैसा खर्च हुआ है? सरकार की तरफ से इस प्रश्न का जबाब मंत्री अमरजीत भगत ने दिया और बताया कि, धन खरीदी में “51 हजार 563 करोड़ 47 लाख रुपये का भुगतान किया गया है,जिसमे 11 हजार 141 करोड़ रुपये का भुगतान राज्य सरकार ने किया है। केंद्र सरकार ने चावल जमा करने के एवज में 51 हजार 563 करोड़ रुपये दिए हैं।”
शिक्षा मन्दिर को शराब का अड्डा बनाने का आरोप भी सामने आया। सदन में धरमलाल कौशिक ने शराब मुद्दे को उठाते हुए कहा कि इस प्रदेश में शिक्षा का मंदिर दागदार हो रहा है,बच्चे व शिक्षक साथ बैठकर शराब पी रहे हैं। कांग्रेस सरकार शराब बंदी क्यों नही करती।
भिलाईं स्टील प्लांट में ठेका श्रमिकों की मौत के मामले को देवेंद्र यादव ने उठाया – भिलाईं के कांग्रेसी विधायक देवेंद्र यादव ने भिलाईं स्टील प्लांट में हो रहे हादसों को लेकर इस्पात संयंत्र पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि भिलाईं स्टील प्लांट मजदूरों की सुरक्षा को लेकर कतई गंभीर व सजग नही है। आये दिन मजदूरों की मौत हो रही है। मानसून सत्र के तीसरे दिन विधायक देवेंद्र यादव ने यह प्रश्न पूंछा कि, भिलाईं स्टील प्लांट में कितने ठेका श्रमिकों की मौते हुई हैं ,और सुरक्षा मानकों का आधार क्या है? इस प्रश्न का जबाब देते हुए मंत्री शिवकुमार डहरिया ने बताया कि कुल 15 श्रमिकों की मौत हुई है। जिसमे 4 श्रमिकों के परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है। चूंकि भिलाईं इस्पात संयंत्र केंद्र सरकार द्वारा संचालित इकाई है,राज्य सरकार इसमे क्या करे। जैसे ही श्रममंत्री ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ने की कोशिश की वैसे ही स्पीकर चरणदास महंत ने नैतिक जिम्मेदारी व राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र का हवाला देते हुए कहा कि इस मामले में बीएसपी को कड़ा निर्देश जारी करें साथ ही प्रबंधन के साथ कड़ाई से पेश आएं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि लगता है राज्य का श्रम विभाग ठीक से एक्टिव नही है अपना अधिकार व कार्य सही से समझ नही पा रहा है। विधायक ने बीएसपी को मनमाना कार्य करने व दायित्वों का निर्वहन न करने की भी बात कही। हालांकि शोर शराबे के बीच चर्चा व बहस होती रही ,कहीं न कहीं इसमे मुख्यमंत्री को भी शांति के लिए खड़ा होकर हस्तक्षेप करना पड़ा।